सपा ने शिवपाल और राजभर को दिया तलाक; दोनों ने कहा- `हमें कबूल है`
समाजवादी पार्टी, शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की राहें अब जुदा हो गई है. शनिवार को दोनों पार्टी के सपा गठबंधन से अलग होने का एक तरह से ऐलान हो गया है.
लखनऊः समाजवादी पार्टी ने शनिवार को अपनी सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सद्र ओमप्रकाश राजभर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के सद्र शिवपाल सिंह यादव से दो टूक कहा कि आपको जहां ज्यादा इज्जत मिले वहां जाने के लिए आप आजाद हैं.’ समाजवादी पार्टी ने दोनों नेताओं को चिट्ठी भेजकर अपनी मंशा बता दी है. सपा ने राजभर और शिवपाल को भेजा गया पत्र ट्विटर पर शेयर किया है.
सपा ने राजभर को लिखी चिट्ठी में कहा है, ‘‘श्री ओमप्रकाश राजभर जी, सपा लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है. आपका भाजपा के साथ गठजोड़ है और आप लगातार उसे मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. अगर आपको लगता है कि कहीं और आपको ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.’’ सपा की यह चिट्ठी सार्वजनिक होने और राजभर की प्रतिक्रिया के बाद सपा-सुभासपा गठबंधन के खत्म होने का एक तरह से ऐलान हो गया है.
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जो तलाक अखिलेश यादव ने दिया है, उसे हमने कबूल कर लियाः राजभर
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजभर ने शनिवार को से कहा, ‘‘आज जो तलाक अखिलेश यादव ने दिया है, उसे हमने कबूल कर लिया है. हम उसका खैरमकदम करते हैं, क्योंकि उनके यहां दलित, अति पिछड़ों के हक की बात नहीं सुनी जाती है.’’
समाजवादी पार्टी का सहृदय धन्यवादः शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव ने सपा के फैसले पर प्रतिक्रिया में ट्वीट किया है, ‘‘मैं वैसे तो हमेशा से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने के लिए सहृदय धन्यवाद. राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है.’’
सपा चाहती है ओबीसी का कोई दूसरा बड़ा नेता न होः मौर्य
सपा के इस फैसले को लेकर उसपर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है, ‘‘सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी आप पिछड़े वर्ग के किसी भी नेता के बढ़ते कद को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं.’’ मौर्य ने अपने ट्वीट में यादव पर इल्जाम लगाया है, ‘‘आप चाहते हैं, ओबीसी का कोई दूसरा बड़ा नेता न हो, आप पिछड़ों के विरोधी हैं. जब आप सीएम थे तब ओबीसी के किस नेता को डिप्टी सीएम बनाया?’’
राष्ट्रपति चुनाव से बढ़ा तीनों दलों के बीच टकराव
हाल में संपन्न राष्ट्रपति चुनाव में राजभर और शिवपाल द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की हिमायत किए जाने के बाद सपा ने यह कदम उठाया है. चुनाव में सपा ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
गौरतलब है कि शिवपाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा हैं जो हाल के विधानसभा चुनाव में जसवंत नगर क्षेत्र से सपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव जीते थे. 2016 से ही चाचा-भतीजे के बीच रस्साकशी चल रही है, लेकिन 2018 में शिवपाल ने अपनी नई पार्टी बना ली थी. हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में चाचा- भतीजा फिर एक मंच पर आ गए, लेकिन चुनाव नतीजे के बाद दोनों के बीच फिर दूरियां बढ़ती गई.
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