नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद की विशेष अदालत द्वारा सम्मन को चुनौती देने वाली पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है. जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जेबी पारदीवाला की पीठ ने अय्यूब को ट्रायल कोर्ट के समक्ष क्षेत्राधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति देते हुए कहा कि यह सबूत का सवाल है. शीर्ष अदालत ने समन को चुनौती देने वाली अय्यूब की याचिका पर 31 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.


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शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को गाजियाबाद की एक विशेष अदालत से कहा था कि अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्यवाही 27 जनवरी को सुनवाई के लिए 31 जनवरी के बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दी जाए. अय्यूब ने अपनी रिट याचिका में अधिकार क्षेत्र की कमी का हवाला देते हुए ईडी द्वारा गाजियाबाद में शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग का कथित अपराध मुंबई में हुआ था.


पिछले साल 29 नवंबर को गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने ईडी द्वारा दायर अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) का संज्ञान लिया और अय्यूब को तलब किया था. 
ईडी का आरोपपत्र प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 45 के तहत दायर किया गया था. पिछले साल 12 अक्टूबर को ईडी ने अय्यूब के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था, जिसमें अय्यूब पर अवाम को धोखा देने और उनका इस्तेमाल करने का इल्जाम लगाया गया था. ईडी ने एक बयान में कहा, “राणा अय्यूब ने अप्रैल 2020 से 'केटो’ प्लेटफॉर्म पर तीन धन उगाहने वाले चैरिटी मुहिम शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये की धनराशि एकत्र की."


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