इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर SBI को झटका; SC ने 24 घंटे का दिया वक्त
SC on Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने SBI को कोई राहत नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी है कि वह जल्द आदेश पर अमल करे.
SC on Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड यानी राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को SBI की याचिका पर सुनवाई की है. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने SBI को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि वह 24 घंटे के अंदर इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में जानकारी दे. SBI ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था.
सुप्रीम कोर्ट इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में SBI की याचिका पर सुनाई की. SBI ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड के ताल्लुक से जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड को गैरसंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी.
6 मार्च को मांगी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट के अहम जज डीवाई चंद्रचूड़ की सदारत वाली बेंच संविधान पीठ याचिका पर सुनवाई की. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने SBI से 6 मार्च तक किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया इसके बारे में जानकारी मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने SBI से 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक पार्टियों की तरफ से खरीदे गए 22 हजार 217 चुनावी बॉन्ड की जानकारी मांगी. 6 मार्च से पहले ही SBI सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. SBI ने चंदे से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांग लिया.
NGO ने मांगी जानकारी
SBI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सभी इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी निकालने में उसे बहुत वक्त लगेगा. SBI की इस मांग को चुनौती देने के लिए एक NGO जिसका नाम ADR है ने भी याचिका दायर की है. ADR ने याचिका में अदालत की अवमानना की बात कही है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ADR की याचिका पर भी सुनवाई करेगा. ADR ने दलील दी है कि SBI की तरफ से 30 जून तक का वक्त मांगना इस प्रक्रिया पर सवाल उठाता है.
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने SBI को आदेश दिया कि आप आदेश का पालन कीजिए. यह गंभीर मामला है. इस पर SBI ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब दिया कि बॉन्ड नंबर, नाम और कितने बॉन्ड हैं, इसके बारे में दो से तीन हफ्ते में इलेक्शन कमीशन को बदा दिया जाएगा. किस पार्टी को कितना चंदा दिया गया है इसके बारे में तीन हफ्ते में जानकारी दे दी जाएगी.