SC on EVM Tempered: देश में जब भी चुनाव होते हैं, उसके बाद इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) हैक होने की बात उठती है. कई विपक्षी पार्टियां पहले भी ईवीएम पर सवाल उठा चुकी हैं. उनका कहना है कि ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से भाजपा जीतती है. इस मामले को लेकर एक आर्जी गुजार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अर्जी गुजार ने सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त की कि चुनाव ईवीएम से कराने के बाजए बैलट पेपर से कराए जाएं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी गुजार की यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम के हैक होने की बात नहीं करते हैं.


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अर्जी गुजार का तर्क
सुनवाई के दौरान ने अर्जीगुजार केए पाल ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर छेड़छाड़ के इल्जाम लगाए हैं और इस पर सवाल उठाए हैं. इस पर अदालत ने कहा कि असल में होता ये है कि जब आप चुनाव जीतते हैं, तब आप ईवीएम पर छेड़छाड़ के इल्जाम नहीं लगाते हैं. अदालत ने अपने बयान में कहा कि "जब चंद्रबाबू नायडू और रेड्डी चुनाव हारते हैं तो कहते हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई, लेकिन जब वह जीतते हैं तब वह कुछ नहीं कहते हैं. हम इसे कैसे देख सकते हैं? हम इसे बर्खास्त करते हैं. यह वह जगह नहीं है कि जहां आप इस पर बहस करें."


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अर्जी गुजार की दूसरी मांग
अर्जीगुजार पाल ने यह भी मांग की कि इलेक्शन कमीशन को ये हिदायत दी जाए कि अगर कोई भी शख्स चुनाव के दौरान वोटरों को लालच देने के लिए शराब या पैसा बांटता हुआ पाया जाए, तो उसके इलेक्शन में खड़े होने पर 5 साल की लिए पाबंदी लगाई जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पास मजेदार अर्जियां हैं. आप इतने अच्छे विचार कहां से लाते हैं? अर्जी गुजार उस संगठन के अध्यक्ष हैं जिसने 3 लाख से ज्यादा अनाथ बच्चों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है. 


अदालत ने पूछा सवाल
पाल से अदालत ने पूछा कि आप राजनीतिक क्षेत्र में क्यों जा रहे हैं? आपका काम करने का क्षेत्र तो दूसरा है. इस पर पाल ने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है. उन्होंने अदालत को मशवरा दिया कि भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका के कदमों पर चलना चाहिए जहां पर बैलट पेपर से चुनाव होते हैं.