Rahul Gandhi: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अदालत से बड़ा झटका लगा है. हाल ही में 2 साल की सज़ा हासिल करने वाले राहुल गांधी की याचिका को सूरत की एक अदालत ने खारिज कर दिया है. इस मामले में सूरत की अदालत में 13 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. अब राहुल गांधी इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जा सकते हैं. ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को मुजरिम ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर आज अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.


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दोषी ठहराये जाने और सजा सुनाये जाने के फैसले पर रोक लगने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती थी लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया. ऐसे में वो उनकी संसद सदस्यता रद्द ही रहेगी. बताया जा रहा है कि गुरुवार को अदालत ने सिर्फ एक शब्द बोलकर मामले को रफा-दफा कर दिया है. सूरत की सेशन कोर्ट के जज आरपी मोगेरा ने डिसमिस यानी खारिज कहते हुए राहुल गांधी की यह याचिका खारिज कर दी है. 


आरपी. मोगेरा की अदालत ने पिछले गुरुवार को राहुल गांधी के अर्ज़ी पर फैसला 20 अप्रैल तक महफूज़ रख लिया था. 


दरअसल राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे. पिछले 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी के ज़रिए दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया.


राहुल ने निचली अदालत के हुक्म के खिलाफ तीन अप्रैल को सेशन कोर्ट पहुंचे थे. उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था. अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये थे. उसने पिछले बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को सुना और फैसला 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था


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