Tamil Nadu Prohibition amendedment Act 2024: तमिलनाडु सरकार ने शराब तस्करों के खिलाफ बहुत बड़ा एक्शन लिया है.  राज्य सरकार ने 60 से अधिक लोगों की जान लेने वाली कल्लाकुरिचि जहरीली शराब त्रासदी के बाद शनिवार को मद्यनिषेध एक्ट में अमेंडमेंट करके सजा को काफी बढ़ा दिया है. अमेंडमेंट एक्ट के तहत जहरीली शराब के इस्तेमाल से होने वाली मौतों के मामले में शराब तस्करों ( Liquor Smugglers ) को उम्र कैद की सजा देने का प्रोविज  किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) ने लोगों की जान जोखिम में डालने वाली गैर-कानूनी तरीके से शराब के मैन्युफैक्चरिंग इसके भंडारण समेत बिक्री जैसे अपराधों को लेकर सजा और जुर्माने में इजाफा के लिए तमिलनाडु मद्यनिषेध अधिनियम 1937 में शनिवार को संशोधन कर दिया है.


तमिलनाडु मद्यनिषेध (संशोधन) अधिनियम-2024 सरकार द्वारा नोटिफाइड तारीख पर प्रभाव में आएगा और इसका लक्ष्य स्टेट से अवैध शराब के खतरे का पूरी तरह खत्म करना है. कल्लाकुरिचि अवैध शराब त्रासदी के बाद इस कानून में यह अमेंडमेंट किया गया है और अधिनियम की धाराओं चार,5, 6, 7 और 11 के तहत अलग-अलग अपराधों में कैद की सजा और जुर्माने की रकम बढ़ा दी गई है.


अवैध शराब तस्करों को होगी उम्रकैद 
इस संशोधन में अधिकतम 10 साल की कारावास और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. संशोधन के मुतााबिक, अवैध शराब पीने पर किसी की मौत होने की स्थिति में शराब तस्करों को कठोर उम्रकैद की सजा दी जाएगी और उनपर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा.


 सदन में विधायकों ने दिए सुझाव
कांग्रेस विधायक दल के नेता के. सेल्वापेरुनथगाई ने इस बिल का सपोर्ट करते हुए व्यवस्था में जांच और संतुलन का सुझाव देते हुए कहा कि पुलिस को सभी शक्तियां देने के बजाय सेलेक्ट कमेटी बनाई जाए. पट्टाली मक्कल काची (PMK) के नेता जी. के. मणि ने सरकार से शराबकांड के लिए पुलिस या खास अफसर को जिम्मेदार ठहराने और राज्य में पूर्ण मद्यनिषेध को लागू करने के वास्ते कदम उठाने की मांग की. वहीं, मद्यनिषेध मंत्री एम. मुथिुस्वामी ने यह विल असेंबली में पेश किया जिसे सदन ने बाद में पारित कर दिया.


क्या है कल्लाकुरिची शराब त्रासदी ?
तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में 18 जून को जहरीली शराब पीने से 61 लोगों की मौत हो गई थी,जबकि 225 लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे. इनमें से अभी भी 88 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. वहीं बाकी 74 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे गई है. यह त्रासदी कल्लाकुरिची करुणापुरम गांव में हुई है.