नई दिल्ली: भारी भरकम कर्ज के नीचे दबी सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया (Air India) को बेचने के लिए हुकूमत की कोशिश जारी है. अब बताया जा है कि एयर इंडिया (Air India) के लिए टाटा ने बोली लगाई है. केंद्र हुकूमत ने बुधवार को कहा कि उसे कौमी विमानन कंपनी एयर इंडिया के तेटक ओवर के लिए कई माली बोलियां मिली हैं. टाटा ने भी इस बात को तसलीम किया है कि कंपनी ने एयरलाइन के लिए बोली सौंपी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

याद रहे कि मरकज़ी हुकूमत सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल हैं.


जनवरी, 2020 से शुरू हुई डिस-इन्वेस्टमेंट के अमल में कोविड-19 महामारी की वजह से देरी हुई है. सरकार ने अप्रैल, 2021 में मुमकिना बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था. बुधवार (15 सितंबर) बोली सौंपने का आखिरी दिन था. वहीं, टाटा समूह उन इकाइयों में शामिल था, जिन्होंने एयरलाइन को खरीदने के लिए दिसंबर, 2020 में इनिशियल इंटरेस्ट लेटर (ईओआई) दिया था.


ये भी पढ़ें: IT Raid: अभिनेता सोनू सूद के मुंबई और लखनऊ समेत आधे दर्ज़न ठिकानों पर IT विभाग का छापा


2017 के बाद से, पिछली कोशिशो में कोई अमह रुचि हासिल करने में नाकाम रहने और मुमकिना निवेशकों से प्रतिक्रिया हासिल करने के बाद, हुकूमत ने पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया के कर्ज को नए निवेशक को मुंतकिल करने से सिलसिले में ईओआई के नियम में ढील दी थी. इससे बोलीदाताओं को उस विशाल ऋण का आकार तय करने की छूट मिली जिसकी वे जिम्मेदारी लेना चाहते हैं.


जनवरी, 2020 में दीपम की तरफ से जारी एयर इंडिया के ईओआई के अनुसार, 31 मार्च, 2019 तक एयरलाइन के कुल 60,074 करोड़ रुपये के ऋण में, खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये के ऋण की जिम्मेदारी लेनी होगी. बाकी कर्ज एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को मुंतकिल किया जाएगा, जो एक खास इकाई (एसपीवी) है.


ये भी पढ़ें: सरकार ने ऑटो, ड्रोन क्षेत्रों के लिए 26,058 करोड़ रुपये की PLI योजना को मंजूरी दी


एयर इंडिया, 2007 में घरेलू विमान सेवा इंडियन एयरलाइंस के साथ अपने विलय के बाद से घाटे में चल रही है. एयरलाइन के लिए सफल बोली लगाने वाली कंपनी को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग एवं पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशी हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण हासिल होगा.


इसके अलावा, कंपनी को एयरलाइन की कम लागत वाली सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का 100 फीसदी और एआईएसएटीएस का 50 फीसदी स्वामित्व मिलेगा. एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं फराहम करती है.
(इनपुट- भाषा के साथ भी)


Zee Salaam Live TV: