केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा उपायों के साथ दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है. दूरसंचार कंपनियों को सांविधिक बकाये के भुगतान को लेकर चार साल की मोहलत दी गई है.
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नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है. पीएलआई योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विकास को प्रोत्साहित करेगी. इस कदम से 7.6 लाख से ज्यादा लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने के इमकान हंै. ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सहाफियों से कहा कि उद्योग को पांच साल में 26,058 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा.
The PLI scheme has a budgetary provision of Rs 26,058 crores - Rs 25,938 crores for the auto sector and Rs 120 crores for the drone industry: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/CbSeHiAtoW
— ANI (@ANI) September 15, 2021
दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा उपायों के साथ दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है. मंत्रिमंडल ने नौ संरचनात्मक सुधारों को मंजूरी दी और स्पेक्ट्रम प्रयोगकर्ता शुल्क को सुसंगत किया है. दूरसंचार कंपनियों को सांविधिक बकाये के भुगतान को लेकर चार साल की मोहलत दी गई है. दूरसंचार कंपनियां मोहलत अवधि के दौरान ब्याज का भुगतान करेंगी. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि मंत्रिमंडल ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) परिभाषा को युक्तिसंगत बनाया है, दूसंचार कंपनियों की गैर-दूरसंचार आय को कानूनी शुल्कों के भुगतान से अलग किया गया है.
Today the cabinet has decided to allow 100% FDI (Foreign Direct Investment) through automatic route in the telecom sector. All safeguards will be applicable: Ashwini Vaishnaw, Minister for Communications pic.twitter.com/0W7knYZ1Tn
— ANI (@ANI) September 15, 2021
ड्रोन के लिए पीएलआई स्कीम को मंजूरी
सरकार ने ड्रोन और उससे कंपोनेंट से जुड़े कामों के लिए सरकार ने 120 करोड़ रुपए की पीआईएल यानी इंसेटिव स्कीम पेश की है. इस पर इन कंपनियों को इंसेटिव मिलेगा. ड्रोन के मामले में भारत आज बराबरी में खड़ा है. आज टर्न ओवर 80 करोड़ है लेकिन राहत 120 करोड़ की है. ड्रोन नई फील्ड हैं. इसमें स्टार्टअप और एमएसएमई होंगी. जो भी इंडियन स्टार्टअप हैं, वो ड्रोन के लिए सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए और कंपोनेंट के लिए 0.5 करोड़ रुपए का रहेगा.
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