Tata Layoff: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा स्टील ने 38 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा गिया है. इनमें से तीन कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न मामले में नौकरी से निकाला है वहीं 35 को नैतिक मुद्दों से जुड़े मामलों में बाहर किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये जानकारी कंपनी के चेयरमैन चंद्रशेखरन के जरिए दी गई है. आपको बता दें इससे पहले टाटा कंसेल्टीज सर्विस में जॉब स्कैम के मामले में कई कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था.


टाटा में मिली थी शिकायतें


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कंपनी में 75 शिकायतें की गई थीं. जिसके बाद ये एक्शन लिया गया है. पिछले साल कंपनी से 875 शिकायते आईं थीं. जिसमें से 158 शिकायतें व्हिसलब्लोअर से जुड़ी हुईं थीं. इसके अलावा 48 शिकायतें सेफ्टी और 669 एचआर से जुड़ी थीं. ये शिकायतें भारत और विदेश में इसकी सहायक कंपनियों में हुई थीं. कंपनी की ओर लिए गए इस एक्शन को काफी बड़ा माना जा रहा है.


जीरो टॉलरेंस की नीति


कंपनी की सालाना बैठक में चंद्रशेखरन ने कहा है कि "इन शिकायतों में से "हमने 38 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया है." उन्होंने कहा कि एक कंपनी के रूप में हम ग्लोबल बेंचमार्क हैं इसलिए हम एक ऐसी संस्कृति को को बढ़ावा देंगे जो हाई वैल्यू को बनाए रखे और जीरो-टॉलरेंस की नीति पर कायम रहे." इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम ओपन कल्चर की ओर बढ़ रहे हैं. जहां हर कर्मचारी अपनी फील्ड में आने वाल समस्या के बारे में बात करता है. इस तरह की शिकायतों का हम स्वागत करते हैं. 


आपको जानकारी के लिए बता दें टाटा फर्म लेऑफ कम ही करती है. जब ट्विटर से भारतीय लोगों को निकाला गया था तब टाटा ने उन्हें नौकरी देने का काम किया था. तंगी के दौर में जब ज्यादातर कंपनियां लोगों को निकाल रही थीं, तब टाटा ने छंटनी ना करने का फैसला किया था.