सांगलीः महाराष्ट्र के सांगली जिले में सोमवार को एक ही खानदान के नौ सदस्य अपने घर में मृत पाए गए. पुलिस ने कहा कि यह खुदकुशी का मामला मालूम होता है, जबकि प्रारंभिक जांच के मुताबिक, मरने वाले दो लोगों पर कई लोगों का उधारी बकाया था. मुंबई से 350 किलोमीटर दूर सांगली जिले के म्हैसाल गांव में एक-दूसरे से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो अलग-अलग घरों में शव मिले है.
 



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शिक्षक और पशु चिक्तिसक है परिवार का मुखिया 
पुलिस ने कहा कि मृतकों में दो भाई पोपट वनमोर (56), डॉ. माणिक वनमोर, उनकी मां, दोनों की पत्नियां और चार बच्चे शामिल हैं. पुलिस को शक है कि परिवार के लोगों ने कोई जहरीला पदार्थ खाकर जान दी. पोपट वनमोर एक टीचर थे, जबकि माणिक वनमोर एक पशु चिकित्सक थे. पुलिस महानिरीक्षक (कोल्हापुर क्षेत्र) ने कहा कि पहली नजर में लगता है कि दोनों भाइयों के परिवार के सदस्यों ने आत्महत्या की है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार दोनों भाइयों ने अलग-अलग लोगों से पैसे उधार लिए थे. दोनों स्थान (घर जहां शव पाए गए थे) एक दूसरे से 1.5 किमी दूर हैं.

बैंक में काम करती थी एक मृतका 
माणिक वानमोर के घर में छह शव पाए गए जो उनका अपना, उनकी पत्नी, मां, बेटी, बेटे और भतीजे (पोपट वानमोर के बेटे) के थे, जबकि पोपट वानमोर, उनकी पत्नी और बेटी के शव दूसरे घर में पाए गए. लोहिया ने कहा कि पुलिस को दोनों जगहों से सुसाइड नोट बरामद हुए हैं, जिसका विश्लेषण किया जा रहा है. पोपट वनमोर की मृतक बेटी एक बैंक में काम करती थी.  

ऐसे सामने आई घटना 
यह पूछे जाने पर कि घटना कैसे सामने आई, अधिकारी ने कहा कि गांव की एक लड़की माणिक वनमोर के घर यह जानने के लिए गई थी कि आज कोई उनसे दूध लेने क्यों नहीं आया था और उसे वहां उनके शव पड़े मिले. लोहिया ने कहा, ’’जब कुछ लोग माणिक के घर की घटना बताने के लिए पोपट वनमोर के घर गए तो वहां भी उन्हें शव मिले. पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह एक सामूहिक आत्महत्या का मामला लगता है. चूंकि मामला गंभीर है इसलिए हम सभी पहलुओं से जांच कर रहे हैं.


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