Terror Funding Case: हुर्रियत कांफ्रेंस के दफ़्तर पर NIA का एक्शन; अदालत के हुक्म पर ऑफ़िस किया क़ुर्क़
Srinagar News: टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हुर्रियत कांफ्रेंस के दफ़्तर पर कार्रवाई की है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली की एक अदालत के हुक्म पर अमल करते हुए रविवार को श्रीनगर के राजबाग़ में स्थित अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के ऑफिस को कुर्क कर दिया.
Terror Funding Case: टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हुर्रियत कांफ्रेंस के दफ़्तर पर कार्रवाई की है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली की एक अदालत के हुक्म पर अमल करते हुए रविवार को श्रीनगर के राजबाग़ में स्थित अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के ऑफिस को कुर्क कर दिया. अफसरान ने इस बात की जानकारी दी. अफसरान के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम रविवार की सुबह हुर्रियत के ऑफिस पहुंची और उनके दफ्तर के कैम्पस की बाहरी दीवार पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया. इस नोटिस में लिखा था, 'सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि राजबाग़ में जिस बिल्डिंग में ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस का ऑफिस मौजूद है और जिसका मालिकाना हक मौजूदा तौर में मुकदमे का सामना कर रहे नईम अहमद ख़ान के पास है, उसे दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित स्पेशल एनआईए अदालत के 27 जनवरी 2023 के आदेश पर कुर्क कर दिया गया है.'
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
1993 में बना हुर्रियत कांफ्रेंस 26 अलहदगी पसंद संगठनों का एक ग्रुप है. सरकार लगातार अलगाववादी संगठनों के ख़िलाफ ठोस क़दम उठा रही है. इस कार्रवाई को जारी रखते हुए राजबाग स्थित हुर्रियत कांफ्रेंस का दफ़्तर अगस्त 2019 से बंद है. इससे पहले भी एजेंसी की ओर से हुर्रियत कांफ्रेंस की ग़ैर क़ानूनी जायदादों पर कार्रवाई हो चुकी है. दिसंबर 2022 में तंज़ीम के पूर्व अध्यक्ष सैयद अली गिलानी की 20 प्रॉपर्टी को कुर्क कर दिया गया था. सैयद अली गिलानी के खिलाफ कुर्की की ये कार्रवाई राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने की थी. एजेंसी के मुताबिक रियासत के कई जिलों में संपत्तियों को कुर्क किया गया था. पुलिस इंतेज़ामिया की ओर से कार्रवाई करते हुए जमात-ए इस्लामी की तीन संपत्तियों को भी सील किया जा चुका है.
1993 में वजूद में आई थी हुर्रियत कांफ्रेंस
कश्मीर के नाम पर सियासत करने वाले हुर्रियत और अलगाववादी लीडरों पर कार्रवाई का सिलसिला लगाचार जारी है. हुर्रियत कांफ्रेंस 26 संगठनों के साथ 1993 में वजूद में आई थी. आर्टिकल-370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और पाकिस्तान हामी लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
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