The Kerala Story: चुनाव से पहले `दी केरल स्टोरी` का टेलीकास्ट; सीएम विजयन बोले ऐसा करना बढ़ा देगा तनाव
Kerala Story Broadcast on Doordarshan: दी केरल स्टोरी को डीडी नेशनल ब्रोडकास्ट करने वाला है. इसको लेकर केरल के सीएम पिनाराई विजयन का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा करना इलाके में तनाव बढ़ाने की कोशिश है.
The Kerala Story: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को "द केरल स्टोरी" के प्रसारण के दूरदर्शन के फैसले की निंदा की और सार्वजनिक प्रसारक से विवादास्पद फिल्म की स्क्रीनिंग वापस लेने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनावों से पहले केवल "सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाएगा". उन्होंने नेशनल ब्रोडकास्टर से यह भी कहा कि वह भाजपा और आरएसएस के लिए ''प्रचार मशीन'' न बनें.
दी केरल स्टोरी के प्रसारण पर क्या बोले सीएम
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक "ध्रुवीकरण को उकसाने वाली फिल्म 'केरल स्टोरी' को प्रसारित करने का @DDNational का निर्णय बेहद निंदनीय है. राष्ट्रीय समाचार प्रसारक को भाजपा-आरएसएस गठबंधन की प्रचार मशीन नहीं बनना चाहिए और ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग से पीछे नहीं हटना चाहिए जो केवल आम चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने की कोशिश करती है."
विजयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,"केरल नफरत फैलाने के ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रयासों का विरोध करने में दृढ़ रहेगा." बता दें दूरदर्शन यह फिल्म 5 अप्रैल को टेलीकास्ट करने वाला है. एक बयान में, सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने सार्वजनिक प्रसारक से फिल्म को प्रसारित करने के अपने फैसले को वापस लेने के लिए भी कहा है. पार्टी ने उससे धर्मनिरपेक्ष केरल समाज के "ध्रुवीकरण के भाजपा के प्रयास" के साथ खड़े नहीं होने को कहा है.
रिलीज के दौरान भी हुआ था विरोध प्रदर्शन
सीपीआई (एम) के राज्य सचिवालय ने आरोप लगाया कि भाजपा ने विवादास्पद फिल्म को प्रदर्शित करने का फैसला किया क्योंकि आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वह अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रही है क्योंकि भगवा पार्टी केरल के समाज में पैठ बनाने में असमर्थ थी. सीपीआई (एम) ने कहा, "यह केरल को चुनौती देने जैसा है. जब यह रिलीज हुई थी तो केरल में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ था. सेंसर बोर्ड ने खुद ही फिल्म से 10 दृश्य हटा दिए थे."
बता दें, केरल उच्च न्यायालय ने पिछले साल यह कहते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था कि फिल्म के ट्रेलर में किसी विशेष समुदाय के लिए कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. अदालत ने कहा था कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म की जांच की है और पाया है कि यह सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए उपयुक्त है.