नई दिल्लीः केंद्र ने पिछले पांच वर्षों में सात शहरों और नगरों के नाम बदलने को मंजूरी प्रदान की है, जिनमें इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की जानिब से प्रदेश का नाम तीनों भाषाओं-बांग्ला, अंग्रेजी और हिंदी में ‘बांग्ला’ करने का प्रस्ताव आया है. मंत्री ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को 15 दिसंबर, 2018 को अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया गया. 
इसके अलावा आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी शहर का नाम राजा महेंद्रवरम करने, झारखंड में नगर उंटारी का नाम श्री बंशीधर नगर करने को भी मंजूरी दी गई है. मध्य प्रदेश के बीरसिंहपुर पाली को मां बिरासिनी धाम, होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने और बाबई का नाम माखन नगर करने को स्वीकृति दी गई है.

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बिहार में भी भाजपा बदलना चाहती है शहरों के नाम 
उधर, बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रमुख घटक दल भाजपा ने अब उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थानों के नाम बदलने की संस्कृति से प्रेरित होकर बिहार के भी कुछ शहरों के नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है. बिहार सरकार में मंत्री और भाजपा नेता राम सूरत राय ने सला दी है कि मुजफ्फरपुर शहर का नामकरण बाबा गरीबनाथ धाम के नाम पर किया जाए, जो सूबे में भगवान शिव की प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है. मंत्री ने भागलपुर जिले के सुल्तानगंज का भी नाम बदलकर अजगैबीनाथ शिव मंदिर के नाम पर रखे जाने की सलाह दी है. 

बख्तियारपुर का नाम बदलने की भी हो रही है मांग 
गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता राकेश सिन्हा ने बिहार सरकार से बख्तियारपुर का नाम बदलकर शीलभद्र याजी नगर करने का मुतालबा किया है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी बख्तियारपुर का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं. उन्होंने बताया है कि बख्तियारपुर निवासी शीलभद्र याजी की स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी भूमिका थी. आजाद हिंद फौज में नेताजी के बाद वे दूसरे नंबर के अफसर थे. बख्तियार खिलजी हमलावर और हमारी विरासत का विनाश करने वाला था. 


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