NEET-UG 2024 controversy: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं के लिए केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार (NDA) पर निशाना साधा. ओवैसी ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में दोबारा परीक्षा कराने की मांग की. दारुस्सलाम में मौजूद पार्टी मुख्यालय में मंगलवार को एक जनसभा को खिताब करते हुए उन्होंने कहा कि "नीट परीक्षा मजाक बन कर रह गई है." 


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ओवैसी ने PM मोदी पर किया कटाक्ष
देशभर के 12वीं के छात्रों की बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनसे की गई बातचीत पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया है और उनके माता-पिता के सपने चकनाचूर कर दिए हैं. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने पांच मई को देशभर के 4,750 केंद्रों पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक स्तर) अथवा NEET-UG आयोजित की थी, जिसमें लगभग 24 लाख अभ्यार्थियों ने परीक्षा दी थी. चार जून को परिणाम जारी किए गए थे.


सबके लिए हो NEET परीक्षा
बिहार जैसे राज्यों में नीट-यूजी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने और परीक्षा में धांधली के आरोप लगे थे, जिसके बाद कई शहरों में प्रदर्शन भी हुआ था. साथ ही छात्रों ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं के लिए कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की थीं. ओवैसी ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वालों कुछ शर्म करो. 24 लाख बच्चे परीक्षा में बैठे थे. आप कह रहे हैं कि हम सिर्फ 1500 के लिए दोबारा से परीक्षा आयोजित करेंगे और कृपांक हटाएंगे. परीक्षा दोबारा से कराई जानी चाहिए. NTA बकवास है. इसका प्रमुख मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का एक आदमी है."


NTA बेकार हो गया
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम मांग करती है कि मोदी सरकार दोबारा से नीट की परीक्षा आयोजित कराए और उच्चतम न्यायालय को इसकी निगरानी करनी चाहिए. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "एनटीए ये नहीं कर सकता. NTA बेकार हो गया." एआईएमआईएम अध्यक्ष ने दावा किया कि नीट अमीर लोगों के बच्चों के लिए फायदेमंद है. उन्होंने आरोप लगाया कि 'भाजपा शिक्षा विरोधी सरकार है'. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नीट परीक्षा को फिर से आयोजित करने के बारे में बोलना चाहिए. ऐसा पहली बार हुआ था कि नीट-यूजी में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र शामिल हैं. जिससे परीक्षा में धांधलेबाजी होने के आरोप लगे. यह भी आरोप लगाया गया कि कृपांक की वजह से 67 बच्चों को पहली रैंक मिली.