लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वे कराने का बुधवार को फैसला किया है. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मौलिक सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला किया है. इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. 
आजाद अंसारी से जब पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस सर्वे के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, तो मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं जमा करना है.

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क्या पूछा जाएगा सर्वे में ? 
आजाद अंसारी ने बताया कि सर्वे में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है, इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति और शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की तादाद, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आमदनी का जरिया और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी.

मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त लगभग 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है. प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया गया है. मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के गैर हाजिर होने की हालत में मदरसे के प्रधानाचार्य और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे. इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.

मातृत्व अवकाश और बाल्य देखभाल छुट्टी भी मिलेगी
अंसारी ने बताया कि अब सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रार्थना पत्र पर संबंधित मदरसे के प्रबंधकों की सहमति और राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार के अनुमोदन से उनका ट्रांसफर किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि अब मदरसों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को माध्यमिक शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के मुताबिक, मातृत्व अवकाश और बाल्य देखभाल छुट्टी भी मिलेगी. इस बीच, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महासचिव दीवान साहब जमां ने राज्य सरकार के इन फैसलों का इस्तकबाल करते हुए कहा कि इससे मदरसा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को फायदा होगा.
 


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