अब झारखंड में हिजाब पर बवाल; महिला कॉलेज में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को रोका
झारखंड के जमशेदपुर में सामने आए इस मामले के बाद इस मुद्दे को लेकर ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट ने विरोध दर्ज कराया है.
जमशेदपुरः कर्नाटक और मध्यप्रदेश के बाद अब झारखंड में भी हिजाब को लेकर विवाद सामने आए हैं. यहां जमशेदपुर के वीमेंस कॉलेज में एक परीक्षा केंद्र पर कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा देने पहुंची थीं, जिसे एग्जाम देने से रोकने का मामला सामने आया है. कॉलेज की शिक्षिकाओं द्वारा छात्राओं से हिजाब उतारने को कहने पर लगभग घंटे भर यहां जमकर बवाल हुआ. अब इस मुद्दे को लेकर ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट (एआईएमएसडब्ल्यूएफ) ने विरोध दर्ज कराया है. सोमवार को भी इस मुद्दे पर विवाद की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन भारत बंद के चलते परीक्षाएं रद्द कर दी गई थी.
फ्रंट के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को जमशेदपुर के उपायुक्त के नाम एक मेमोरेंडम देकर इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है. फ्रंट के सद्र बाबर खान ने कहा है कि उपायुक्त ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि इस मामले की जांच की जाएगी.
जमशेदपुर के बिष्टुपुर वीमेंस कॉलेज की घटना
मामला बीते 18 जून का बताया जा रहा है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक बोर्ड) की जानिब से आयोजित 12वीं की परीक्षा को लेकर जमशेदपुर के बिष्टुपुर के वीमेंस कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनाया गया है. जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राएं यहां चेहरे पर हिजाब बांधकर परीक्षा देने पहुंचीं थी. केंद्र पर तैनात शिक्षिकाओं ने उनसे हिजाब उतारने को कहा, जिससे बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया.
हिजाब उतारकर परीक्षा केंद्र आने की चेतावनी
छात्राओं का कहना है कि उन्हें लगभग आधे घंटे तक परीक्षा देने से रोका गया. कॉलेज प्रशासन की तरफ से उन्हें चेतावनी दी गई कि अगले दिन से हिजाब उतारकर परीक्षा केंद्र आएं वरना परीक्षा में उन्हें शामिल नहीं होने दिया जाएगा. यह परीक्षा के नियमों के विरुद्ध है. हिजाब पहनकर परीक्षा देने पर अड़ी फरहीन यासमीन नामक छात्रा ने इस बाबत माइनॉरिटी संगठनों के पास शिकायत की थी.
आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा
ऑल इंडिया माइनॉरिटी सोशल वेलफेयर फ्रंट के सद्र बाबर खान ने कहा कि झारखंड में कर्नाटक जैसा विवाद खड़ा करने की कोशिश हो रही है. हिजाब मुस्लिम महिलाओं का हक है और इसपर रोक लगाने की कोशिश ठीक नहीं है. हमारे संगठन ने इसपर जिला प्रशासन से फौरन कार्रवाई करने की मांग की है. कार्रवाई न होने की सूरत में आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.
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