Jaipur: जासूसी मामले में 3 Pak नागरिक दोषी क़रार; ISI के इशारे पर करते थे काम
Jaipur: जयपुर की एक अदालत ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर से इंडियन आर्मी की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के मामले में तीन पाकिस्तानी शहरियों को दोषी क़रार देते हुए कठोर कारावास की सज़ा सुनाई है.
Pakistani Spy: जयपुर की एक अदालत ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर से भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजने के मामले में अहम क़दम उठाया है. अदालत ने तीन पाकिस्तानी शहरियों को क़ुसूरवार क़रार देते हुए कठोर कारावास की सज़ा सुनाई है. एक सीनियर ऑफ़िसर ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस सेंगाथिर ने बृहस्पतिवार को बताया कि पाकिस्तानी शहरी नंदलाल पाकिस्तान के वैद्य पासपोर्ट और वीज़ा पर जोधपुर आया और वहां की खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' के इशारे पर जैसलमेर पहुंच कर भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं जमा करके कर पाकिस्तान भिजवाने लगा.
जासूसी के इल्ज़ाम में हुई थी गिरफ़्तारी
पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) इंटेलीजेंस द्वारा नंदलाल को जासूसी के इल्ज़ाम में 20 अगस्त, 2016 को गोपनियता कानून (शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923) व 3/14 विदेशी अधिनियम 1946 में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि रिसर्च के दौरान पाया गया कि जासूसी में मुस्ज़िम की मदद दो और पाकिस्तानी नागरिक गोरी शंकर व प्रेमचंद कर रहे थे, जो लंबी मुद्दत के वीज़ा पर जोधपुर में रह रहे थे, इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
सज़ा और जुर्माना
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस सेंगाथिर ने बताया कि बाद में अनुसंधान में तीनों मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (जयपुर महानगर प्रथम) की अदालत में 16 नवंबर, 2016 को चार्जशीट पेश की गई. अदालत ने सुनवाई के दौरान तीनों मुल्ज़िमीन को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 की दफ़ा 3/9 के तहत क़ुसूर पाये जाने पर सात साल की सख़्त सज़ा और धारा 10 में मुल्ज़िम गौरीशंकर और प्रेम चंद के क़ुसूरवार साबित होने पर एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, वहीं मुल्ज़िम नंदलाल को दफ़ा 3/14 विदेशी अधिनियम 1946 में दोषी पाये जाने पर दो साल की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है.
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