Mumbai News: नवी मुंबई में ढही तीन मंजिला इमारत, UP के तीन मुस्लिम युवकों की मौत
महाराष्ट्र के नवी मुंबई बेलापुर कस्बे में आज यानी 27 जुलाई की सुबह एक तीन मंजिला इमारत ढह जाने से के यूपी तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 52 दूसरे बाल-बाल बच गए. एनआरआई सागरी थाने के सीनियर निरीक्षक सतीश कदम ने बताया कि हादसा तड़के करीब 4.30 बजे हुआ.
Navi Mumbai News: महाराष्ट्र के नवी मुंबई बेलापुर कस्बे में आज यानी 27 जुलाई की सुबह एक तीन मंजिला इमारत ढह जाने से के यूपी तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 52 दूसरे बाल-बाल बच गए. एनआरआई सागरी थाने के सीनियर निरीक्षक सतीश कदम ने बताया कि हादसा तड़के करीब 4.30 बजे हुआ. उस वक्त शाहबाज गांव में 10 साल पुरानी इंदिरा निवास इमारत में रहने वाले लोग अपने घरों में सो रहे थे.
उन्होंने बताया, "दोपहर बाद बचाव दल ने मूल रूप से यूपी के जौनपुर और प्रतापगढ़ जिलों के रहने वाले तीन युवकों के शव बाहर निकाले. हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान प्रतापगढ़ के करनपुर मकामी मोहम्मद मेराज अल्ताफ हुसैन (30), और जौनपुर जिले के लोहिंडा गांव निवासी शफीक ए.आर. अंसारी (29) और मिराज सैफ अंसारी (24) के रूप में हुई है.
सभी लोगों की हुई पहचान
हादसे में बचने वाले लोगों को नवी मुंबई नगर निगम के आश्रय गृह में रखा गया है. जिंदा बचे लोगों में से एक ने बताया कि इमारत ढहने से कुछ मिनट पहले, भूकंप के झटके, गड़गड़ाहट की आवाज और घरेलू सामानों की खड़खड़ाहट से निवासियों की नींद खुल गई. संभावित आपदा की आशंका से ज्यादार निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए और कुछ ही देर बाद, 13 घरों और तीन दुकानों वाला पूरा ढांचा ढह गया.
दो लोगों को मलबा से निकाला गया
पुलिस दल, दमकल विभाग, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ शाम तक मलबा हटाने और मलबे के नीचे दबे दूसरे लोगों की तलाश में लगे हुए हैं. जीवित बचे लोगों में से दो लालाउद्दीन एन. पठान (23) और रुक्सार एल. पठान (19) को घायल अवस्था में मलबे से बाहर निकाला गया. उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
सीएम ने दी कार्रवाई करने का आदेश
नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए आज यानी 27 जुलाई को दिल्ली में मौजूद सीएम एकनाथ शिंदे ने एनएमएमसी आयुक्त और नवी मुंबई पुलिस आयुक्त को फोन करके दुर्घटना के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. सीएम ने उन्हें आश्रय गृह में रह रहे बचे हुए लोगों की पूरी देखभाल करने की भी हिदायत दी, जिसमें उनके रहने, खाने-पीने और अन्य जरूरतों का ध्यान रखना शामिल है.