Waqf Amendment Bill: सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव के लिए लिए 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में बिल पेश किया गया. लेकिन इस पर कई मुस्लिम नेताओं और विपक्षी सांसदों ने अपना विरोध दर्ज कराया. उनका कहना था कि यह विधेयक मुसलमानों से बात किए बिना पेश किया गया है. इसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया. इस समिति ने इस विधेयक पर आम लोगों, गैर-सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों से भी सुझाव मांगा है. वक्फ संशोधन बिल पर अपनी राय देने की बीते दिन आखिरी तारीख थी लेकिन अब इसमें दो दिन का इजाफा किया गया है. पहले राय भेजने की आखिरी तारीख 13 सिंतबर थी लेकिन अब इसकी तारीख 15 सितंबर कर दी गई है. रात 12 बजे तक इस पर अपनी राय दे सकते हैं.


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आखिरी तारीख 15 सितंबर
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि अमेंडमेंट बिल को लेकर अब तक पूरे मुल्क से 3 करोड़ 48 लाख लोगों ने अपनी राय जॉइन पार्लियामेंट्री कमिटी को भेजी है. यह राय सिर्फ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जरिए जारी किए गए QR कोर्ट के जरिए ही भेजी गई है. जबकि इसके अलावा और कई आर्गेनाइजेशन ने भी इस तरह की मुहिम को चलाया है. दूसरी सबसे अहम बात की अपनी राय देने की आखिरी तारीख 13 सितंबर नहीं 15 सितंबर है. उन्होंने आगे कहा कि देखिए इस मुल्क में सबको अपनी राय देने का हक है. क्योंकि यह जनरल पब्लिक की राय मांगी गई थी, तो सब अपनी राय दे सकते हैं. लेकिन सबसे अहम चीज यह है कि हमारा मकसद था मुसलमानो को बेदार करना, जो हमने किया, ताकि यह सनद रहे कि कभी भी इस तरह की और चीज होती हैं, तो मुसलमान एक साथ खड़ा हो सकें. 


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तारीख बढ़ाने पर विवाद
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का इल्जाम है कि यह तारीख इसलिए बढ़ाई गई है ताकि गैर-मुस्लिमों को इस बिल का सपरोर्ट करने का मौका मिल जाए. बोर्ड ने मुसलमानों से अपील की है कि वह इस पर अपनी राय भेजें. उनका कहना है कि जैसा मुसलमानों ने यूनिफॉर्म सिविल कोज (UCC) का विरोध किया था उसी तरह वह वक्फ अमेंडमेंट बिल का भी विरोध करें.


क्या है वक्फ बोर्ड
आपको बता दें कि 'वक्फ बोर्ड' अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन, एक सांविधिक निकाय है. इसका काम वक्फ प्रॉपर्टी जिसे मुसलमान दान कर देते हैं, उसकी जानकारी रखता है.


नए विधेयक में क्या है?
नए विधेयक में ये प्रावधान है कि वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमानों को शामिल किया जाए. इसके साथ ही इसके अधिकार जिला अधिकारी को दिए जाएं. मुसलमान और विपक्षी सांसद इसकी मुखालफत कर रहे हैं. मुसलमानों का इल्जाम है कि सरकार इस बिल के जरिए मुसलमानों वक्फ बोर्ड की जमीनों को छीनने की कोशिश कर रही है. जबकि सरकार का कहना है कि वह वक्फ में गड़बड़ियों को ठीक करने की कोशिश कर रही है.