Delhi news: टमाटर के बढ़ते दाम लगातार आसमान छू रहे हैं. जहां एक समय टमाटर रसोई का सिंगार हुआ करता था. वहीं अब रसोई में देखने को बहुत कम ही मिलता है. टमाटर की आसमान छूते कीमतों ने आम लोगों को बेहाल कर दिया है. अब आम लोगों को एक और बड़ा झटका लगने वाला है. जानकारों का मानना है कि बाजारों मे प्याज की आपूर्ती कम हो रही है. जिसकी वजह से प्याज की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है.  


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थोक विक्रेताओं और विश्लेषकों ने कहा है कि कुछ प्रमुख बाजारों में प्याज की आपूर्ति कम हो रही है. और स्टॉक में गिरावट के कारण वार्षिक मंदी के मौसम के कारण जल्द ही रसोई में प्याज की मुद्रास्फीति बढ़ सकती है. यदि ऐसा होता है, तो यह घरेलू बजट को नुकसान पहुंचाएगा. पहले से ही टमाटर की कीमत में भारी वृद्धि से परेशानी हो रही है. जो ज्यादातर शहरों में 200 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर खुदरा बिक्री कर रहा है.



टमाटर या अधिकांश हरी सब्जियों की ऊंची कीमतों ने घरों को प्रभावित किया है.प्याज के मामले में सरकार लगभग 250,000 टन भंडार रखती है. जिसे वह आपूर्ति कम होने पर बाजारों में जारी करती है. फिर भी, अधिकांश भारतीय खाने के सामानों की कीमत में स्थिरता है. और रुझानों से पता चलता है कि एक बार जब प्याज की मुद्रास्फीति एक घटना के रूप में सामने आती है.तो इसे खत्म होने में काफी समय लगता है.


महाराष्ट्र में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी के लासलगांव कृषि बाजार समिति के सचिव नरेंद्र वाधवाने ने मंगलवार को कहा, किसानों ने पिछले महीने भारी बारिश के कारण "भंडारित प्याज को बहुत नुकसान" होने की सूचना दी है, जिससे "आपूर्ति में कमी" हुई है.



“सरकार प्याज की मांग और आपूर्ति की निगरानी कर रही है, जैसा कि हम देश भर में 536 बिंदुओं पर 22 आवश्यक वस्तुओं के मामले में करते हैं. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, हमारे पास बाजार में देने लिए पर्याप्त स्टॉक है और कोई चिंता की बात नहीं है.


प्याज व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि इस साल की सर्दियों की फसल - जो वार्षिक मांग का 70% पूरा करती है. पिछले वर्ष की तुलना में मजबूत नहीं थी. संकट के वर्षों के दौरान भारत प्याज के आयात का सहारा लेता है. लेकिन देश ने 2021-22 और 2022-23 में कोई आयात नहीं किया है.


पिछले चार महीनों में प्याज की कीमतें उचित बनी हुई हैं. अगस्त और सितंबर के महीने आमतौर पर कमज़ोर मौसम होते हैं. प्याज की अगली फसल अक्टूबर में होगी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मॉडल खुदरा कीमतें ₹25 प्रति किलोग्राम पर स्थिर बनी हुई हैं.