बांग्लादेश की जेल से 18 महिने बाद रिहा हुए रोहिदा; जाने क्यों हुई थी गिरफ्तारी?
रोहिदा सरकार की बड़ी बहन रिंकू सरकार ने बताया कि `भाई को हिरासत में लेने के बाद बांग्लादेश जेल अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया. मेरे भाई के पास एक मोबाइल फोन था और उसी कि मदद से वे हमसे संपर्क कर सके.`
पिछले साल जून में पड़ोसी देश बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करने पर उनाकोटी जिले के कैलासाहार निवासी रोहिदा को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने गिरफ्तार कर लिया था. गिराफ्तार होने के बाद रोहिदा ने 18 महिने बांग्लादेश की जेल में गुजारे. परिवार भारत सरकार के प्रयासों के बाद अब वे घर वापस लोट आएं हैं. रोहिदा सरकार ने अपने माता-पिता से झगड़े के बाद घर छोड़ दिया था और बंग्लादेश सीमा को पार कर लिया था. रोहिदा सरकार का गांव बंग्लादेश की सीमा से लगा हुआ है.
घर वालों ने की थी गुमशुदगी की शिकायत
घर से भागने के बाद जब रोहिदा को ढूंडा गया तो उनका पता नहीं लग पाया. बंग्लादेश भागने के अंदेशे के बाद परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दी थी. रोहिदा को सीमा पार करने के बाद बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा बांग्लादेशी अदालत के आदेश के बाद रोहिदा को बांग्लादेशी अधिकारियों ने 23 दिसंबर को त्रिपुरा पुलिस को सौंप दिया था. राज्य की राजधानी अगरतला में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद रोहिदा को उनके घर छोड़ दिया गया है.
बांग्लादेश जेल में सहना पड़ा कष्ट
रोहिदा सरकार की बड़ी बहन रिंकू सरकार ने बताया कि "भाई को हिरासत में लेने के बाद बांग्लादेश जेल अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया. मेरे भाई के पास एक मोबाइल फोन था और उसी कि मदद से वे हमसे संपर्क कर सके. इसके अलावा उनके पिता दुलाल सरकार बांग्लादेश के एक पत्रकार के पास पहुंचे जिन्होंने कनूनी कार्यवाही में उनके परिवार की मदद की." रिंकू ने आगे कहा कि मेरे भाई को बांग्लादेश की जेल में बहुत कष्ट सहना पड़ा है. भाई जैसे अन्य निर्दोष लोग अभी भी जेल में हैं और सरकार को उन्हें घर पहुंचाने के लिए कदम उठाना चाहिए.