Turkey News: ब्रिटेन और अमेरिका की सेना ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला शुरू कर दिया है. जिसपर दुनिया भर के नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. इस बीच तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों की निंदा की है. 


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टाइम्स ऑफ़ इसराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, रजब तैयब एर्दोआन ने दोनों देशों पर इल्जाम लगाया कि वह लाल सागर को 'खून के समुद्र' में बदलना चाहते हैं. इससे पहले भी तुर्किए ने गाजा हिंसा को लेकर इसराइल पर भी निशाना साधा है. एर्दोआन ने ब्रिटेन और अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा, "यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के जरिए हवाई और समुद्री हमले आनुपातिक नहीं हैं." यानी उन्होंने हूती विद्रोहियों को अमेरिका और ब्रिटेन की तुलना में बेहद छोटा बताया.


रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तांबुल में 12 जनवरी को एर्दोआन ने कहा, "जो कुछ किया गया है वह बल का असंगत प्रयोग है. फिलहाल वह लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश कर रहे हैं." इस दौरान तुर्किए के राष्ट्रपति ने इसराइल पर भी निशाना साधते हुए कहा, "वह भी फिलिस्तीन में ऐसा ही कर रहा है."


रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, "हमें मुख्तलिफ स्रोतों से जो जानकारी मिली है, उस हिसाब से हूती विद्रोहियों ने बहुत सफल बचाव किया है और ब्रिटेन और अमेरिका दोनों के खिलाफ सही प्रतिक्रियाएं दी हैं." उन्होंने इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) में इसराइल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के 'नरसंहार' मामले पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा, "न्यायालय ने भी माना है कि इसराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं है." 


ज्ञात हो कि इसराइल और हमास के बीच बीते साल 7 अक्टूबर से हिंसा जारी है. इस जंग में 23 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच दुनिया भर के नेताओं ने इस हिंसा को रोकने के लिए सीजफायर की मांग कर रहे हैं. वहीं इसराइल का कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं हो जाता तब तक ये जंग जारी रहेगा.