हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को कहा कि हरियाणा महफूज है और किसी को भी इसके बारे में फिक्र नहीं करनी चाहिए. इसके एक दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इकतदार वाले मणिपुर और हरियाणा के राज्यपाल वहां कानून-व्यवस्था की हालत पर ‘‘चुप’’ हैं.


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पंजाब में हो राष्ट्रपति शासन


मान ने यह कमेंट पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की तरफ से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की ‘‘एलर्ट’’ दिए जाने के बाद शनिवार को की. पंजाब के मुख्यमंत्री के बयान के हवाले से एक सवाल का जवाब देते हुए मनोहर लाल ने रविवार को कहा, ‘‘हरियाणा महफूज है और किसी को इसके बारे में फिक्र नहीं करनी चाहिए. अगर राष्ट्रपति शासन की बात है, तो यह वहां (पंजाब) के लिए है.’’ 


हरकत में पंजाब सरकार


मान ने कहा था कि आम आदमी पार्टी (AAP) की कयादत वाली उनकी सरकार नशीली चीजों की दिक्कतों से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रही है. स्मगलरों की प्रॉपर्टी को जब्त कर रही है, छापे मार रही है और गैंगस्टर रोधी टास्क फोर्स बनाने के साथ गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. लेकिन राज्यपाल का दावा है कि राज्य में कानूनी निजाम ठीक नहीं है. 


हरियाणा पर क्या कार्रवाई हुई?


उन्होंने कहा था, ‘‘मैं राज्यपाल साहब से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने हरियाणा के नूंह में जो कुछ हुआ, सांप्रदायिक झड़पें और हिंसा हुई और कर्फ्यू लगाना पड़ा, उसके बारे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कोई नोटिस जारी किया है? क्या हरियाणा के राज्यपाल ने मनोहर लाल को कोई खत लिखा है? नहीं, क्योंकि केंद्र में उनकी सरकार है.’’ पंजाब के राज्यपाल, मान पर उन्हें भेजे गए खतों का जवाब नहीं देने का इल्जाम लगाते रहे हैं. पुरोहित ने शुक्रवार को मान सरकार को एलर्ट किया कि अगर उनके खतों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं. 


यह है मामला


विश्व हिंदू परिषद (VHP) की शोभायात्रा पर 31 जुलाई को भीड़ की तरफ से हमला किए जाने के बाद हरियाणा के नूंह और इसके आसपास के इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में होम गार्ड के दो जवानों और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.