Bombay HC on Dawood Ibrahim: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम UAPA के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है. ऐसे में उससे जुड़े या गिरोह से जुड़े किसी भी शख्स पर UAPA कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती है. इसके साथ ही कोर्ट ने दो लोगों को जमानत दे दी है.


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एटीएस ने किया था ये दावा
जस्टिस भारती डांगरे और मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने 11 जुलाई को आदेश में दिया था. जिसकी जानकारी 19 जुलाई को सामने आई. कोर्ट ने अगस्त 2022 में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते के जरिए हिरासत में लिए गए दो शख्स को जमानत दे दी. जिसे एटीएस ने दावा किया था कि फैज भिवंडीवाला, जिसके पास से उसने 600 ग्राम गांजा जब्त किया था, और परवेज वैद दाऊद इब्राहिम के गिरोह के सदस्य थे.


दोनों पर लगे थे गंभीर इल्जाम
दोनों पर एक आतंकवादी संगठन के सदस्य होने, आतंकवादी कृत्य करने और अपराध करने के लिए धन इकट्ठा करने के साथ-साथ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के प्रावधानों के तहत यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. वहीं, अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने 4 सितंबर, 2019 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें "दाऊद इब्राहिम कासकर को यूएपीए के तहत 'आतंकवादी' के रूप में अधिसूचित किया गया था."


कोर्ट ने क्या कहा?
पीठ ने कहा कि यूएपीए कानून के तहत एक तरफ आतंकवादी कृत्य होगा, तो दूसरी तरफ आतंकवादी गिरोहों और आतंकवादी संगठनों द्वारा की जाने वाली गतिविधियां हैं. अदालत ने कहा, "हमारे विचार से इस मामले में यूएपीए की धारा 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) का अपराध नहीं लगेगा, क्योंकि दाऊद इब्राहिम कासकर को व्यक्तिगत क्षमता में आतंकवादी घोषित किया गया है."


कोर्ट ने आरोपियों को किया रिहा
पीठ ने यह भी कहा कि एटीएस अधिकारी के निर्देश पर अतिरिक्त सरकारी वकील एस वी गवंद ने बयान दिया कि आरोपपत्र में यूएपीए की धारा  17और 18 के तहत आरोपों को स्थापित करने वाली कोई सामग्री नहीं थी, जो आतंकी घटना और अपराध करने के लिए धन इकट्ठा करने से संबंधित है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि एक मुल्जिम से कथित तौर पर जब्त किया गया, प्रतिबंधित सामान बहुत कम मात्रा में था. अदालत ने दोनों को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया.