Uniform Civil Code: देश में समान नागरिक संहिता को लेकर लंबे समय से बयान देने का सिलसिला जारी है तो वहीं दूसरी ओर कई लोग इसकी मांग भी कर रहे हैं. इस बीच समान नागरिक स‍ंहिता को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी अहम मीटिंग करने की तैयारी में जुड़ गया है. UCC मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड  ने 5 फरवरी को लखनऊ में अहम मीटिंग बुलाई है. बोर्ड की मीटिंग की ख़ास बात यह है कि इसमें एआईएमआईएम (AIMIM) के सद्र असदुद्दीन ओवैसी भी शिरकत करेंगे. उनके साथ अरशद मदनी और पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े अहम लोग मीटिंग में शामिल होंगे. 


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 5 फ़रवरी को मीटिंग
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मीटिंग के ज़रिए मुसलमानों से जुड़े कई मामलों पर मीटिंग करता रहा है. 5 फ़रवरी को होने वाली मीटिंग में समान नागरिक स‍ंहिता समेत मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की जाएगी.
इससे पहले केंद्र सरकार ने यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर अपना रद्दे अमल ज़ाहिर किया था. यूनियन लॉ मिनिस्टर किरेन रिजीजू ने राज्यसभा में कहा था कि 22वां लॉ कमीशन यूनिफार्म सिविल कोड से संबंधित मामले पर ग़ौर कर सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार ने भारत के 21वें लॉ कमीशन से अपील की थी कि समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न विषयों की समीक्षा करें और उस पर अपनी राय दें.


BJP का सियासी मुद्दा रहा है UCC
बता दें कि बता दें कि समान नागरिक संहिता बीजेपी का एक अहम सियासी मुद्दा रहा है. साल 2014 और 2019 के लोकसभा इलेक्शन में यह बीजेपी के अहम चुनावी वादों में शामिल था. उत्तराखंड और गुजरात जैसे बीजेपी सरकार वाली कुछ रियासतों ने इसे लागू करने की ओर क़दम बढ़ाया है. हैदराबाद के एमपी और AIMIM चीफ़ असदउद्दीन ओवैसी इस पर कई बार सवाल उठा चुके हैं. उनका कहना है कि जब-जब इलेक्शन का समय क़रीब आता है, बीजेपी ऐसे मुद्दों को हवा देना शुरू कर देती है. ये बीजेपी की पुरानी आदत है. अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी यूनिफॉर्म सिविल कोड का ईशू  उठाती रहती है.


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