नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को 2024-2025 के बजट में 13,539 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो 2023-2024 के 9,853.32 करोड़ रुपये के मुकाबले में 37 फीसदी ज्यादा है. बजट में ये इजाफा ख़ास तौर से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के तरक्कीयाती कामों को बढ़ाने और सामाजिक सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार पर केंद्रित है. वहीँ, केंद्रीय बजट में इस बार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए कुल 3183.24 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष के  तुलना में 574.31 करोड़ रुपये ज्यादा है. सरकार ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा किया है. अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिए सरकार ने बजट में कुल 1575.72 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है. मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं/परियोजनाओं के लिए कुल 2120.72 करोड़ रुपये की रकम दी गयी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे पहले 2023 में माइनॉरिटी मिनिस्ट्री को  3097 करोड़, 2022 में  5020 करोड़, 2021 में  4810 करोड़ और 2020 में माइनॉरिटी मिनिस्ट्री को  4346 करोड़ का बजट दिया गया था. 


'अनुसूचित जातियों की तरक्की के लिए अम्ब्रेला योजना' के लिए 9,549.98 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले में  6,780 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं.  दीगर कमजोर समूहों की तरक्की के लिए 'अम्ब्रेला कार्यक्रम' के लिए 2,150 करोड़ रुपये और नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के लिए 314 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं. 


राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को 38 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को 21 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गयी हैं.  विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों की तरक्की और कल्याण बोर्ड का बजट 5 करोड़ रुपये रखा गया है. अनुसूचित जाति के लिए युवा अचीवर्स स्कीम के तहत उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के लिए 428 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.  इस योजना के तहत कई उप-योजनाएँ भी शामिल हैं, जिनमें अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मुफ्त कोचिंग, अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा और अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति जैसे स्कीम शामिल हैं.


अनुसूचित जाति के लक्षित क्षेत्रों में हाई स्कूल में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना के लिए 133.07 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गयी हैं.  प्रधानमंत्री दक्ष और कुशलता संपन्न हितग्राही योजना के लिए 130 करोड़ रुपये और एससी और ओबीसी के लिए वेंचर कैपिटल फंड  के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.  


आजीविका और उद्यम कार्यक्रम के लिए हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए, जिसमें भिक्षावृत्ति में लगे व्यक्तियों के पुनर्वास और ट्रांसजेंडर का कल्याण शामिल है, को 98.46 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह पिछले साल के 32.82 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभग तीन गुना रकम है. 


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय को व्यापक रूप से हासिल करने के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये सभी पात्र लोगों को कवर करने का नजरिया लेकर सरकार चलती है.