Eid Ul Adha को लेकर योगी सरकार का हुक्म, सिर्फ इतने लोगों को इजाज़त, नहीं काट सकेंगे ये जानवर
Eid Ul Adha 2021: सीएम दफ्तर की जानिब से कहा गया है कि यह भी यकीनी बनाएं कि किसी भी जगह गोवंश/ऊंट या अन्य प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न हो.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच मुसलमानों का बड़ा त्योहार ईद उल अजहा (Eid Ul Azha) आ रहा है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अफसरों को सख्त हिदायत जारी की हैं. सीएम ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए कहा है किसी भी प्रोग्राम में 50 से ज्यादा लोग जमा नहीं न हों.
इसके अलावा सीएम दफ्तर की जानिब से कहा गया है कि यह भी यकीनी बनाएं कि किसी भी जगह गोवंश/ऊंट या अन्य प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न हो. साथ ही कुर्बानी ऐसी जगह पर नहीं होनी चाहिए जा सार्वजनिक हो. ऐसा होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बकरीद के मौके पर कुर्बानी के जानवरों को चिन्हित जगहों पर ही जिबह (काटा) जा सकता है. इस दौरान साफ सफाई का खास ख्याल रखना होगा.
इससे पहले कई मुस्लिम संस्थाओं ने मुसलमानों से अपील की है कि वो कोरोना वायरस को असर को देखते हुए बकरीद की नमाज मोहल्ले की मस्जिदों में ही अदा करें. साथ ही ईद उल अज़हा की नमाज़ में भी मास्क पहनें और किसी से हाथ न मिलायें और न ही गले मिलें.
हमेशा की तरह उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी पाबन्दी नही है. कुर्बानी करने वाला आदमी, नया मास्क, नए ग्लवज़ पहनकर अपने आलात को पूरी तरह सैनेटाइज करके कुर्बानी करें. कुर्बानी वाली जगहों पर सैनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे आदेशों पर जरूर अमल किया जाए.
जानवरों की गन्दगी रास्तों या पब्लिक स्थानों पर न फेंकें बल्कि नगर निगम के कूड़ेदानों ही का इस्तेमाल करें. कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहायें. एैसा करना ना पसन्दीदा है और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। उसको कच्ची जमीन में दफन कर दें ताकि वह पौधों और पेड़ों की खाद बन सके.
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