Halal Certification: हलाल सर्टिफिकेशन मामले में यूपी सरकार के जरिए उठाए गए कदम और पुलिस की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी का इजहार किया है. इस सिलसिले में जमीयत उलेमा हलाल फ़ाउंडेशन के डायरेक्टर मौलाना असजद मदनी और जमीयत उलेमा-ए- महाराष्ट्र के जिम्मेदारान पर किसी भी तरह की जबरन कार्रवाई पर रोक लगा दी है. आपको बता दें कि, 25 जनवरी को  बीआर गोई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, जमीयत उलेमा हलाल फाउंडेशन और हलाल इंडिया Pvt. Ltd. के जिम्मेदारान पर कार्रवाई के खिलाफ रोक लगा दी थी. लेकिन, इसके बावजूद यूपी पुलिस ने मौलाना असजद समेत दीगर अरकान को नोटिस भेजकर थाने में तलब किया था.


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इसको लेकर सीनियर वकील राजू राम चंद्रन ने यूपी पुलिस के रवैये से अदालत को बाखबर किया और अहम शख्सियात को नोटिस भेजकर परेशान करने का इल्जाम लगाया. हालांकि, सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ने अदालत से कहा कि मुल्जिमीन पुलिस के साथ तआवुन नहीं कर रहे हैं. इसका जवाब देते हुए वकील ने कहा कि मुल्जिमीन कई बार नोटिस का जवाब दे चुके हैं इसके बावजूद उन्हें बार बार नोटिस भेजा जा रहा है. लिहाजा इसे बंद किया जाए. इसके बाद अदालत ने इस मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है.


वही, लखनऊ पुलिस ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. लखनऊ पुलिस ने उचित नमूने या टेस्ट के बिना कंपनियों को नकली हलाल प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि संगठन ने न तो नमूना लिया था और न ही उत्पादों का परीक्षण किया था. उन्होंने केवल एक निश्चित राशि लेकर प्रमाणपत्र जारी किए हैं. लखनऊ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी को ये जानकारी दी. एडीजी ने कहा कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया को ऐसे प्रमाणपत्र जारी करने के लिए किसी भी सरकारी एजेंसी से कोई इजाजत नहीं मिली है.


बता दें कि इसके पहले हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मरकज और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था. इन याचिकाओं में पिछले साल 18 नवंबर को यूपी सरकार के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है. इस नोटिफिकेशन के तहत यूपी में हलाल सर्टिफिकेट वाले फूड प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग, स्टॉरेज, सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी गई थी. इसके इलावा इन अर्जियों में हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाले इंस्टीट्यूशन पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज FIR को खारिज करने की मांग भी की गई है.