UPSC Final Result 2022: RSS के स्कूल से पढ़े 13 उमीदवारों का UPSC में चयन; संघ के 12 हजार स्कूलों में पढते हैं कई लाख बच्चे
UPSC Final Result 2022: इस बार के सिविल सेवा में जहां महिलाओं ने अपना परचम लहराया है. तो वहीं आरएसएस द्वारा संचालित संस्था से 13 उम्मीदवारों का चयन हुआ है. इशिता किशोर ने सिविल सेवा में AIR 1 हासिल की है.
UPSC Final Result 2022: संघ लोक सेवा आयोग ( Union Public Service Comission ) ने 23 मई को सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम जारी कर दिया है. इस परीक्षा में इस बार टॅाप 10 में से 6 लड़कियां हैं. जिसमें पहला स्थान इशिता किशोर को मिला है तो दूसरे स्थान पर गरिमा लोहिया हैं और तीसरे स्थान पर उमा हरति एन हैं. इस बार सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष 25 उम्मीदवारों में से 14 महिलाएं हैं.
इस वर्ष विद्या भारती ने भी UPSC में चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की है. जिसमें कुल 14 उम्मीदवारों के नाम चयन सूची में हैं. ये शिक्षण संस्था आरएसएस द्वारा संचालित की जाती है. वहीं कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन की कृतिका मिश्रा ने पूरे भारत में 66वीं रैंक हासिल कर हिन्दी माध्यम की टॉपर बनी हैं.
विद्या भारती RSS द्वारा की जाती है संचालित
आरएसएस के द्वारा संचालित देशभर में 12 हजार स्कूल हैं.जिसमें लगभग लाखों बच्चे पढ़ते हैं. यहां पर वर्ग शिशु लेकर के 12 वीं तक के बच्चों के शिक्षा दी जाती है. देश के कई क्षेत्रों में विद्या भारती एकल विद्यालय चलाता है.आरएसएस की भाषा में कहें तो विद्या भारती RSS का अनुसांगिक संगठन है.
राहुल गांधी ने दिया था ये बयान
राहुल गांधी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि RSS ने अपने स्कूलों के जरिए हमला शुरू किया है जैसे पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामवादी अपने मदरसों का इस्तेमाल करते हैं. वैसे ही काफी कुछ उसी तरह RSS अपने स्कूलों में एक खास तरह की दुनिया दिखाता है. कोई ये नहीं पूछता कि हजारों स्कूल चलाने के लिए RSS को पैसा कहां से मिलता है.वे मुनाफा कमाने वाले स्कूल नहीं है इसलिए कोई सवाल नहीं पूछ रहा.यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर कब्जा है और उसे उनके हाथों से वापस लेना ही होगा.
तारबूज खाने के फायदे
इसमें मेहनत लगेगी और यह आसान नहीं होने वाला। हम एक लंबी समस्या की ओर देख रहे हैं. राहुल गांधी के इस पुराने बयान जोकि अक्सर चर्चा में रहते हैं और UPSC में चयनित हुए RSS के स्कूलों के विद्यार्थियों की सूची एक नये वैचारिक और राजनीतिक मसले को जन्म देता दिखायी दे रहा है.