गोलीबारी से थर्राया अमेरिका, जॉर्जिया के हाई स्कूल में भीषण गोलीबारी, 4 की मौत
Georgia High School Open Fire: अमेरिका में खुलेआम गोलीबारी की घटनाएं आम बात हैं. इस बीच जॉर्जिया के एक हाई स्कूल में 14 साल के छात्र ने गोलीबारी की है. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई है.
Georgia High School Open Fire: अमेरिका के जॉर्जिया में एक हाई स्कूल में 14 साल के एक स्टूडेंट ने 4 सितंबर को भीषण गोलीबारी की है. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई है. जबकि कई लोग जख्मी हुए हैं. हाई स्कूल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी की वजह से स्टूडेंट्स को अपनी कक्षा में शरण लेनी पड़ी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें फुटबॉल स्टेडियम में भेजा गया.
2 स्टूडेंट और 2 टीचर की मौत
इस घटना के बाद अपने बच्चों की सलामती जानने के लिए अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए. मृतकों में अपालाची हाई स्कूल के दो स्टूडेंट्स और दो शिक्षक शामिल हैं. विंडर अटलांटा से करीब एक घंटे की दूरी पर है. घटना में आठ स्टूडेंट्स और एक टीचर समेत नौ दूसरे लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सोफोमोर कायली एबनर ज्यामिती की कक्षा में थीं, जब उन्होंने गोली चलने की आवाज सुनी. आवाज सुनकर एबनर और उनकी दोस्त अपनी टीचर की डेस्क के नीचे छिप गईं. इसके बाद टीचर ने दरवाजे के सामने डेस्क को लगाकर अवरोधक तैयार किया ताकि कोई क्लास रूम में दाखिल न हो.
हमलावर ने किया सरेंडर
एबनर ने बताया कि स्टूडेंट्स के फुटबॉल स्टेडियम में इकट्ठा होने के बाद उन्होंने देखा कि टीचर्स ने अपनी कमीज उतारकर घायलों के जख्मों पर पट्टी की. जॉर्जिया जांच ब्यूरो के निदेशक क्रिस होजी ने बताया कि गोली चलने की खबर मिलने के कुछ ही मिनटों के भीतर स्कूल के दो अधिकारियों ने हमलावर स्टूडेंट को रोकने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि संदिग्ध एक स्कूली स्टूडेंट है. उसने फौरन सरेंडर कर दिया और उसे हिरासत में ले लिया गया है.
घटना की जानकारी देते हुए रो पड़े अधिकारी
आरोपी छात्र पर वयस्क के समान हत्या का मामला दर्ज किया गया है. घटना के बाद दोपहर को संवाददाता सम्मेलन में अधिकारियों ने बताया कि वे इस बात का पता लगा रहे हैं कि संदिग्ध को बंदूक कैसे मिली और वह बैरो काउंटी में स्कूल में कैसे घुसा? इस दौरान बैरो काउंटी के शेरिफ जुड स्मिथ घटना की जानकारी देते हुए रो पड़े. उन्होंने कहा कि इसी जगह वह पले-बढ़े हैं और उनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं. वहीं, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने न्यू हैंपशायर में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कहा, ‘‘यह बहुत ही अपमानजनक है कि हमारे देश अमेरिका में हर दिन माता-पिता को अपने बच्चों को इस चिंता में स्कूल भेजना पड़ता है कि बच्चा जीवित घर लौट पाएगा या नहीं.’’