UP News: उत्तर प्रदेश के मथुरा में मौजूद कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई सोमवार को नहीं हो सकी. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, बुधवार 25 सितंबर को इस मामले में सुनवाई किए जाने की संभावना है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है. न्यायमूर्ति जैन ने एक अगस्त, 2024 को हिंदू पक्ष के मुकदमों को चुनौती देने वाले मुस्लिम पक्ष के आवेदन खारिज कर दिए थे और कहा था कि हिंदू पक्ष के सभी मुकदमे पोषणीय (सुनवाई योग्य) हैं.


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हिंदू पक्ष ने दाखिल किए 18 मुकदमे
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं. पूजा स्थल अधिनियम किसी भी धार्मिक ढांचे को जो 15 अगस्त, 1947 को मौजूद था, उसे परिवर्तित करने से रोकता है. हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए 18 मुकदमे दाखिल किए हैं. यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है, जिसे कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष (शाही ईदगाह की प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) ने इन मुकदमों का विभिन्न आधार पर विरोध किया है.


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अदालत से पेटिशन वापस ली गई
इससे पहले मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट में चल रही 18 पिटीशन्स में एक पिटीशन शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने वापस ले ली थी. यह पिटीशन इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के खिलाफ कुछ मामलों में रिटेन स्टेटमेंट दाखिल नहीं करने की बात कहकर एक्स पार्टी आदेश कर दिया था. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस आदेश को वापस ले लिया. इसके बाद शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी रिकॉल पिटीशन वापस ले ली.