Uttar Pradesh news: उत्तर प्रदेश में एक बहुत बड़ा मामला सामने आया है. जहां मेरठ के एक डॅाक्टर के नाम पर कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लगभग 83 अस्पताल रजिस्टर्ड है. इस मामले का उदभेदन तब हुआ जब अस्पताल और क्लीनिक के लाइसेंस रिन्यूअल  आवेदनों की जांच हो रही थी. और इस मामले पर अधिकारियों ने कहा कि आगरा और उसके आसपास लगभग 449 चिकित्सा सुविधाओं को 15 डॉक्टरों द्वारा अवैध रूप से सेवा देते हुए पाया गया है.


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इस पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी सीएमओ ( Chief Medical Officer ) अरुण कुमार श्रीवास्तव ( Arun Kumar Srivastava ) ने कहा कि सभी डॅाक्टरें को नोटिस भेज दिया गया है. और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है.


जो डॅाक्टर नहीं उसके नाम से भी लाइसेंस
जो जानकारी सामने निकल कर आ रही है कि जो डॅाक्टर नहीं है वो भी स्वास्थ्य विभाग से क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब चलाने के लिए डॉक्टर के नाम से लाइसेंस प्राप्त किए हुए हैं. इतने बड़ा घोटाला का तब उजागर हुआ जब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष लाइसेंस के रिन्यूअल की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का आदेश दिया. 


सर्जन सहित कई बड़े डॅाक्टर इस घोटाले में शामिल
इस पूरे घोटाले में कई डॅाक्टर हैं जिसमें सर्जन सहित हृदय रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं. और स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, 2022-23 के दौरान 1,269 चिकित्सा केंद्र पंजीकृत किए गए थे. जिसमें  494 अस्पताल, 493 क्लीनिक, 170 पैथोलॉजी लैब, 104 डायग्नोस्टिक सेंटर, सात सैंपल कलेक्शन सेंटर और एक डायलिसिस सेंटर शामिल है.


स्वास्थ्य विभाग ने कहा 
इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग ने अब तक वर्ष 2023-24 के 570 अस्पतालों व क्लीनिकों के पंजीयन आवेदनों के सत्यापन के बाद रिन्यूअल किया है. वहीं विभिन्न मामले पर अधिकारी ने कहा कि लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए आवेदन करने वाले अस्पतालों और क्लीनिकों ने प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ, अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन और  मेडिकल वेस्टेज के निपटान से संबंधित आवश्यक विवरण प्रदान नहीं किया है. तथा बिस्तर क्षमता और अन्य सुविधाओं के संबंध में प्रदान की गई जानकारी भी संदिग्ध है.


IMA के अध्यक्ष ने की सरकार से की ये मांग
इतने बड़े घोटाले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आगरा (Indian Medical Association Agra ) के अध्यक्ष डॉ ओपी यादव ( Dr OP YADAV )  ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है. हम इस तरह की प्रथाओं की निंदा करते हैं. और आवश्यक कदम उठाने में स्वास्थ्य विभाग का समर्थन करेंगे. सरकार को भी ऐसे केंद्रों और इससे जुड़े चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.