Uttarakhand News: तलाक महिलाओं के लिए अभिशाप है. तलाक के बाद महिलाओं के लिए जिंदगी जीना मुश्किल लगने लगती है. इस मुश्किल समय को आसान बनाने के लिए काशीपुर के ढकिया गुलाबो अंतर्गत फसीयापुरा गांव निवासी ट्रिपल तलाक पीड़िता महिला ने अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया है. एक शौहर ने अपने बीबी को ट्रिपल तलाक देकर जब साथ छोड़ दिया तो विवाहिता ने ऑटो चलाकर अपने बच्चों का देखभाल कर रही है. जिससे पूरे देश में तारीफ हो रही है और दूसरी महिलाओं के लिए मिसाल मिशाल बन गई हैं.


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हर कोई शबनम के हौसले को सलाम कर रहा है. काशीपुर के ढकिया गुलाबो अंतर्गत फसीयापुरा गांव निवासी शबनम की शादी 2011 में जसपुर में हुई थी. शादी के बाद सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था. शबनम दो बेटियों के साथ खुशी-खुशी रह रही थी. बाद में शबनम के पति ने उसकी उपेक्षा करने लगा और 2017 में उसने शबनम को तलाक दे दिया. पति ने जिम्मेदारियों से मुह मोड़ लिया तो शबनम अपने बच्चों के साथ अपने मायके काशीपुर आ गई.


शबनम घर बैठने के बजाए घरों में काम करने के साथ-साथ सिलाई सीख कर आजीविका साधन बनाया और बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला करवाया. पति से कानूनी लड़ाई लड़ी और आजीविका चलाने के लिए अपने कमाई से ऑटो खरीदा और आत्मनिर्भरता के राह पर चल पड़ी. 


पुरूष ऑटो चालक मारते हैं ताना
मीडिया से बात करते हुए ऑटो चालक शबनम ने कहा, वह अलीगंज रोड से काशीपुर सवारी लेकर आती है. हमारे ऑटो में ज्यादातर महिलाएं बैठती हैं. महिला यात्री अक्सर इसी ऑटो की इंतजार करती हैं. इसको लेकर स्टैंड पर उसे कई ऑटो संचालक ताना मारते हैं. लेकिन इस काम में पुलिस का भी सपोर्ट मिलता है."


हौसलों की उड़ान भर रही शबनम
जिन परिस्थितियों में लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. उन परिस्थितियों में शबनम ने आत्मनिर्भर बनने का रास्ता चुना और उन महिलाओं के लिए एक मिशाल कायम की. अपने हौसलों की उड़ान भरकर शबनम ने समाज के लिए एक नजीर पेश की है.


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