Uttarakhand UCC Draft: उत्तराखंड कैबिनेट लंबे इंतजार के बाद अगले हफ्ते राज्य विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) बिल पारित करने के लिए तैयार है. शुक्रवार को, सरकार के जरिए नियुक्त एक पैनल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक बड़ा दस्तावेज़ सौंपा है, और इस बिल के ड्राफ्ट को अप्रूवल भी मिल गया है. धामी ने कहा कि छह फरवरी को विधानसभा में पेश करने से पहले यूसीसी मसौदे की जांच, अध्ययन और चर्चा की जाएगी.


स्पेशल सेशन में पेश किया जाएगा यूसीसी


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उत्तराखंड सरकार ने इस बिल को पास करने के लिए चार दिनों का स्पेशल सेशन बुलाया है. जो पांच फरवरी से 8 फरवरी तक चलेगा. इसके अलावा पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता विधेयक पर "आ रहा है यूसीसी" (यूसीसी आ रहा है) शीर्षक से एक संगीत वीडियो भी बनवाया है. गीत को भूपेन्द्र बसेड़ा ने लिखा है और इसकी धुन राकेश भट्ट ने बनाई है.


यूसीसी बिल के पास होने के बाद क्या होगा? 


- द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड का यूसीसी बिल हलाला, इद्दत और तीन तलाक को दंडनीय अपराध बना सकता है.
- उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता बिल कई शादियों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है.
- इस विधेयक से सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की उम्र तय करने की उम्मीद है.
- राज्य की आबादी का 2.9% हिस्सा बनाने वाले आदिवासी समुदायों को उत्तराखंड में यूसीसी विधेयक के दायरे से छूट दी जा सकती है.
- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए यह भी कहा गया है कि प्रस्तावित बिल में बच्चों की तादाद में एकरूपता समेत जनसंख्या नियंत्रण के उपाय हैं.
- इसके अलावा उत्तराखंड के यूसीसी विधेयक में ऐसे प्रावधान हो सकते हैं जो विरासत से संबंधित मामलों में पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार करेंगे.
-  रिपोर्ट के मुताबिक यह बिल लिव-इन-रिलेशनशिप को रेग्युलेट करेगा.
- यूसीसी राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, भूमि और संपत्ति के लिए एक कानूनी ढांचा देगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हों.
- इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. यह पुर्तगाली शासन के दिनों से ही गोवा में लागू है.