Uttarkashi Accident: उत्तराखंड में बर्फीले तूफान में 20 लोगों के फंसे होने के खबर आ रही थी. बाद में बताया गया कि इस हादसे में लगभग १० लोगों कि मौत हो गयी है. हालांकि शेष बचे लोगों को वहां से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. 23 सितंबर को नेहरू पर्वतरोहण संस्थान से 40 पर्वतरोही उत्तरकाशी से द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी के लिए रवाना हुए थे. मंगल को हुए हिमस्खल में पर्वतरोहियों का ये दल वहीं फंस गया. हादसे की खबर मिलते ही NIM, NDRF, SDRF और जिला प्रशासन सतर्क हो गए हैं. इन लोगों ने राहत और बचाव काम शुरू कर दिया है. 


मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट


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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में ट्रीट कर बताया कि "द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है."


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जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन


बताया जाता है कि पर्वतारोहण अभिान में कुल 40 लोग थे. इनमें कुछ प्रशिक्षु भी थे. पर्वतरोहण के दौरान अचानक आए तूफान में सब फंस गए. रेस्क्यू में अब तक 20 लोगों को बचा लिया गया है जबकि 20 लोग अभी भी फंसे हुए हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में मदद की मांग की है. सेना के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में सेने के चीता हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं. 


कुछ लोगों की हुई मौत


बताया जाता है कि द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी पर जो लोग फंसे हैं उनमें से कुछ लोगों की मौत भी हो सकती है. उन लोगों की मौत पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि "उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए गए पर्वतारोहण अभियान में भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ. अपने प्रियजनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं."


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