Vadodra Boat Accident: गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हाल की नाव त्रासदी में स्टूडेंट्स और टीचर्स की मौत पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है और कहा कि इस हादसे ने जनता की अंतररात्मा को झकझोर दिया है. बता दें कि वडोदरा के पास वाघोडिया में न्यू सनराइज स्कूल के 12 स्टूडेंट्स और दो टीचर हरनी के मोटनाथ झील में नाव पलटने की वजह से डूब गए, जबकि 18 स्टूडेंट्स और दो टीचर्स को बचा लिया गया. सभी स्टूडेंट्स पिकनिक मनाने आए थे.


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चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने 19 जनवरी को एक हुक्म में कहा कि यह काफी परेशान करने वाला है.  सुरक्षा मानदंडों ( Safety Standards ) का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया और बच्चों को लाइफ जैकेट नहीं दिए गए . कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद हुक्म में कहा गया है इस हादसे ने ‘‘आम जनता की अंतरात्मा को झकझोर दिया है.’’ 


वहीं, कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 29 जनवरी तय की है. हुक्म में कहा गया है, ‘‘हम गुजरात के गृह विभाग के सेक्रेटरी से अगली तारीख तक डिपार्टमेंट के एक गजेटेड ऑफिसर के हलफनामे के साथ मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हैं.’’ 


गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के प्रसिडेंट बृजेश त्रिवेदी ने हरनी नाव त्रासदी के संबंध में छपी खबरों को कोर्ट के संज्ञान में लाया था. पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ IPC की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) और 308 (गैर-इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.


एक अफसर ने पहले कहा था कि उन्होंने इस मामल में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे मुल्जिम को पकड़ने की कोशिश जारी हैं. वडोदरा नगर निगम (VMC) ने अपनी शिकायत में कहा है कि एंटरटेनमेंट के उद्देश्यों के लिए झील के किनारे का डेवलेपमेंट, संचालन और रखरखाव करने वाली कंपनी और उसके मालिकों, मैनेजर और नाव ऑपरेटर्स ने कई मामलों में आपराधिक लापरवाही बरती है.


VMC ने ठेकेदार की तरफ से नावों का रखरखाव न करने और काफी तादाद में लाइफ सेविंग उपकरण और लाइफ जैकेट न रखने समेत कई तरह के खामियों की ओर इशारा किया. वीएमसी ने ‘कोटिया प्रोजेक्ट्स’ का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया है.