तिरुपति मंदिर में अब आया मुस्लिम ट्विस्ट; VHP ने सरकार सरकार पर उठाया सवाल
Tripati Temple: VHP के जेनेरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन का कहना है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों की तरह से सरकारें मंदिरों को लूट रही हैं. ऐसे में इसे आजाद कराना चाहिए. हिंदुओं का पैसा हिंदुओं के लिए इस्तेमाल होना चाहिए.
Tripati Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने बड़ा ऐलान किया है. VHP ने एक मुहिम का ऐलान किया है जिसके तहत देश भर के तमाम मंदिरों को सरकार के कंट्रोल से आजाद कराना है. VHP ने सरकारी प्रबंधन में भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाया है. VHP का कहना है कि मंदिरों पर कब्जा करने वाली सरकारें 'मुस्लिम आक्रमणकारियों' और 'औपनिवेशिक' अंग्रेजों की मानसिकता को दर्शाती हैं.
मंदिरों में लूट
एक प्रेस कांफ्रेंस मे VHP के जेनेरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने इल्जाम लगाया कि "सरकारें मंदिरों को पैसे की लूट के लिए इस्तेमाल करती हैं और वह उन राजनेताओं को यहां तैनात करते हैं, जिन्हें वह सरकार में जगह नहीं दे पाते." इससे पहले संगठन ने एक प्रेस कांफ्रेंस किया था और कहा था कि "लड्डू प्रसादम की पवित्रता को बहाल करने के लिए" शुद्धीकरण किया गया.
हिंदू नाराज
सुरेंद्र जैन ने कहा है कि प्रसाद में जानवर की चर्बी की मिलावट ने 'पूरी हिंदू सोसाइटी' को नाराज कर दिया है. जैन ने कहा कि कई दूसरी मंदिरों से मिलावट की खबरें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि ये मिलावट हिंदू समाज की भावनाओं के साथ एक आपराधिक खिलवाड़ है.
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सरकार का कंट्रोल
उन्होंने कहा कि "इन घटनाओं में एक चीज एक जैसी है वह यह है कि ये सभी मंदिर सरकार के अंडर हैं. इसका एक ही उपाय है कि इन सभी मंदिरों को सरकारों से आजाद करा दिया जाए और इन्हें सोसाइटी को दे दिया जाए. सोसाइटी मंदिरों को संत के निर्देश पर मैनेज करेगा."
राज्य का धर्म नहीं
सरकार की तरफ से मंदिरों के संचालन को गैरकानूनी बताते हुए जैन ने कहा कि "अनुच्छेद 12 के तहत राज्य सरकार का कोई मजहब नहीं होता. तो उन्हें मंदिरों के संचालन की इजाजत किसने दी? अनुच्छे 25 और 26 हमें ये हक देता है कि हम अपने इदारों को चलाएं. जब अल्पसंख्यक अपने इदारों को चला सकते हैं तो हम हिंदू क्यों नहीं?"
मंदिर में मुस्लिम ट्विस्ट
उन्होंने इल्जाम लगाया कि "ऐसा लगता है कि एक पैटर्न है. मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिर को लूटा और बर्बाद किया. ब्रिटिश बहुत चालाक थे, उन्होंने मंदिरों पर कब्जा किया. इसी तरह से उन्होंने तरीके से मंदिरों को लूटने का तरीका निकाला. बदकिस्मती से, आजादी के बावजूद हमारे राजनेता इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त नहीं हो सके. सरकार का मंदिरों पर कब्जा उसी तरह की मानसिकता दर्शाती है. अब इस लूट को बंद होना चाहिए. इस तरह से अब हमारा नारा है 'हिंदू का पैसा हिंदू के लिए'."