तिरुवनंतपुरम/नई दिल्लीः दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने तयशुदा वक्त एक जून से तीन दिन पहले ही इतवार को केरल पहुंच गया है. इसी के साथ मुल्क में बारिश के मौसम की शुरुआत हो गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि केरल में शनिवार से ही बारिश हो रही है और राज्य में 14 में से 10 मौसम निगरानी केंद्रों में 2.5 मिलीमीटर से जयादा बारिश दर्ज की गई है जो मानसून के दस्तक के पैमाने को पूरा करता है.

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देश के इस हिस्से में धीमी रह सकती है मानसून की रफ्तार 
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि वैसे तो मानसून केरल और तमिलनाडु के कई हिस्सों में आगे बढ़ा है लेकिन मौसम तंत्र की बंगाल की खाड़ी वाली शाखा कमजोर पड़ गई है और वह अभी अंडमान द्वीपों पर ही है. आईएमडी के विस्तारित रेंज अनुमान में सलाह दी है कि कर्नाटक, गोवा और समूचे पूर्वोत्तर भारत में मानसून की रफ्तार धीमी रह सकती है.

27 मई को मानसून के केरल पहुंचने का इमकान जताया था
इससे पहले आईएमडी ने चक्रवात असानी के असर की वजह से  27 मई को मानसून के केरल पहुंचने का इमकान जताया था. हालांकि दक्षिणी प्रायद्वीप पर ठहरे इस शेष मौसम तंत्र (असानी) का असर कमजोर हो गया. असानी एक पखवाड़े पहले बंगाल की खाड़ी में आया था. केरल में मानसून के आने के ऐलान के लिए मापदंड में समुद्र तल पर साढ़े चार किलोमीटर तक पछुआ हवा की रफ्तार आदि शामिल हैं.

तीन-चार दिनों में यहां पहुंच जाएगा मानसून 
मौसम कार्यालय ने कहा कि केरल में मानसून के आगमन की सभी शर्तें इतवार, 29 मई, 2022 को पूरा हो गई हैं. अगले तीन चार दिनों में दक्षिण पश्चिम मानसून के मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक की तरफ बढ़ने के लिए हालात अनुकूल हैं.


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