Wayanad Landslide Update: केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को आए भीषण भूस्खलन से मची तबाही में अब भी  152 लापता लोगों का तलाशी अभियान जारी है. इस त्रासदी में अब तक 413 लोग हताहत हो चुके हैं. वहीं, शुक्रवार को  मुंडाकायिल और पंचिरिमाटोम इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया.


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रेस्कयू और राहत कैंप का नेतृत्व कर रहे केरल के टूरिज्म मिनिस्टर पी.ए. मोहम्मद रियास ( Muhammad Riyas ) ने कहा कि सर्च ऑपरेशन शुक्रवार, 9 अगस्त को समाप्त कर रविवार को फिर से ग्रामीणों की मदद से इसी तरह का तलाशी अभियान चलाया जाएगा, क्योंकि लोकल लोग इस इलाके से भली भांति परिचित हैं.


शुक्रवार को 78 डेड बॉडी और 150 से ज्यादा अंग हुए बरामद
इस हादसे के बाद बचाव अभियान अभी तक जारी है. शुक्रवार को भी कुछ टीमों ने चालियार नदी के आस-पास के इलाकों में सर्च सर्च ऑपरेशन चलाया.  यहां से अब तक 78 डेड बॉडी और 150 से ज्यादा शारीरिक अंग बरामद किए जा चुके हैं. इस बीच शुक्रवार का दिन अहम है क्योंकि केरल उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करने का फैसला किया है.


हाईकोर्ट ने लिया खुद से लिया संज्ञान
हाईकोर्ट ने संज्ञान उन मीडिया रिपोर्ट्स और लेटर्स के बुनियाद पर लिया है जिसमें कहा गया था कि वायनाड में एनवायरनमेंट की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों का बेलगाम शोषण किया गया. बताया जा रहा है कि एक्सपर्ट्स ने इस विषय पर चेताया था कि प्रदेश के कई जगहों पर लचर मैनेजमेंट की वजह से इस तरीके की आपदा घट सकती है.


इस वदह हुई इतनी बड़ी त्रासदी 
इन छोटी-छोटी हादसों से साफ संकेत मिलने के बाद भी अफसर हाथ पर हाथ रख चुप बैठे रहे. इल्जाम है कि केरल में कई सरकारें बनीं. लेकिन इन सरकारों ने कस्तूरीरंगन और माधव गाडगिल जैसे बड़े एक्सपर्टस की रिपोर्ट्स पर कभी ध्यान नहीं दिया. भले ही केरल में एनवायरमेंट और क्लाइमेट चेंज के मुद्दों से निपटने के लिए राज्य संचालित चार एजेंसियां ​​हैं फिर भी इस मुद्दे पर कोई खास  काम नहीं हुआ.


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