पश्चिम बंगाल सरकार और ED में ठनी; सुनवाई के लिए ममता पहुंची सुप्रीम कोर्ट
Sandeshkhali Issue: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ED चाहता है कि शाहजहां को जांच के लिए CBI को सौंपा जाए तो वहीं पश्चिम बंगाल सरकार इसका विरोध कर रही है.
Sandeshkhali Issue: बीते रोज कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि संदेशखाली मामले के आरोपी शाहजहां को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया जाए. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस मामले पर जल्द ही सुनवाई करें. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आपने एक अर्जी दाखिल की है. प्रधान न्यायाधीश (CJI) दोपहर के भोजनावकाश के दौरान (तत्काल सूचीबद्ध करने की) अर्जियों पर संज्ञान लेते हैं. वह (CJI) याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश देंगे."
सरकार ने बीते रोज लगाई अर्जी
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने अर्जी का उल्लेख किया था. सीनियर अधिवक्ता ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी जांच सौंपे जाने के उच्च न्यायालय के आदेश का तत्काल अनुपालन चाहती है. राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को भी याचिका का तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया था. पीठ ने राज्य सरकार के वकील से शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के सामने मुद्दा रखने को कहा था.
ईडी और सरकार ने दाखिल की अर्जियां
ईडी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ने ही एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अलग-अलग अपील दाखिल की थीं, जिसमें ईडी अधिकारियों पर भीड़ द्वारा किये गये हमले की जांच के लिए 17 जनवरी को सीबीआई और राज्य पुलिस के एक संयुक्त विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया गया था. ईडी चाहती है कि मामले की जांच सिर्फ CBI को सौंपी जाए जबकि राज्य सरकार ने सिर्फ पुलिस से जांच कराने का अनुरोध किया है. उच्च न्यायालय ने ED के अनुरोध को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया था कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस की तरफ से गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी जाए.