Anti-Lock Braking System: भारत दो पहियां वाहनों का बहुत बड़ा बाज़ार है. भारत में महंगे होते पब्लिक ट्रांस्पोर्ट के बाद मध्यम वर्ग के लिए मोटरसाइकिल एक लाइफ़लाइन बनके उभरी है, रोज़ाना आने-जाने के लिए भारत में दो पहिया वाहनों का इस्तेमाल खूब होता है. ये सस्ता और टिकाऊ होने के साथ-साथ आसुरक्षित भी है. लेकिन समय के साथ-साथ इसमें भी कई तकनीकी सुधार किए गए हैं. इन्ही सुधारों में से सेफ्टी के लिए आने वाली एक तकनीक का नाम ABS (Anti-Lock Braking System)  है. भारत में इस समय ABS और बिना ABS दोनों तरह की बाइक मौजूद हैं. आज हम आपको बताएंगे ABS लैस बाइक आपको क्यों लेनी चाहिए, थोड़े से ज़्यादा पैसे खर्च कर कैसे आप अपने और अपने परिवार की जान के लिए के वरदान साबित हो सकते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कैसे काम करता है ABS? 
ये एक ब्रेकिंग सिस्टम है जो अचानाक ब्रेक लगने पर बाइक के टायर्स को लॉक होने से रोकता है. जिससे बाइक फिसलती नहीं हैं. अक्सर स्पीड में आ रही बाइक पर जब हम अचानक ब्रेक लगाता हैं, तो बाइक के फिसलने का डर रहता है. ये अचानक ब्रेकिंग के बाद टायर के जाम होने पर होता है. लेकिन ABS एक ऐसी तकनीक है, अगर ये आपकी बाइक में है तो इसमें लगा ECU (Electronic Control Unit) बाइक के टायर को अचानक जाम होने से बचाता है. आसान भाषा में कहे तो ये बाइक में तब तक ब्रेक लगाता और छोड़ता रहता जबतक टायर ग्रिप नहीं पकड़ लेता. 


125 CC के उपर की बाइक पर अनिवार्य है ABS
एक आकड़े के मुताबिक हर साल भारत में करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसे का शिकार होते हैं. इस हिसाब से एक दिन में 400 से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है. इस को लेकर भारत सरकार ने 2015 में ब्राजिलिया घोषणा-पत्र पर साइन किए थे, इसके ज़रिए 2020 तक भारत की सड़को वाले हादसों आधे से भी कम करने की कोशिश की जाएगी. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने  मोटर वाहन अधिनियम में कई बदलाव किए, जिनमें सबसे अहम 125 CC से ज्यादा की बाइक्स में ABS (एंटी ब्रेक लॉकिंग सिस्टम) होना अनिवार्य कर दिया गया.