Ajmer 92: `केरल स्टोरी` के बाद अब `अजमेर कांड` पर फिल्म; दरगाह के नाम पर पैदा हो सकता है बवाल?
फिल्म `द कश्मीर फाइल्स` और `द केरल स्टोरी` से शुरू हुआ विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस विवाद में एक और फिल्म ने अपना नाम लिखवा लिया है, जिसका ट्रेलर आज रिलीज किया गया. और उस फिल्म का नाम है `अजमेर 92`. ये फिल्म आजाद भारत के इतिहास के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल पर बनी है, जो अजमेर में साल 1992 में हुआ था.
What is Ajmer Rape Case 1992: साल 1992 में राजस्थान के अजमेर शहर में अचानक एक-एक करके लड़कियों की न्यूड तस्वीरें लोगों के हाथ लगनी शुरू हुई, बात पुलिस तक पहुंची लेकिन पॉवरफुल लोगों के दवाब में आकर मामले को दबा दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे लड़कियों के आत्महत्या की खबरें सामने आने लगी, तमाम लोग काफी परेशान हो गए, लेकिन लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर लड़कियों के आत्महत्या के पीछे की वजह क्या है. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद एक अखबार ने उन लड़कियों की तस्वीरों के साथ ये खबर प्रकाशित कर दी, जिसके बाद दबाव में आकर पुलिस को जांच करनी पड़ी और जांच में जो बात सामने आई वह देश के हर एक इंसान के लिए यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा था. दरअसल पुलिस के मुताबिक अजमेर की 100 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज की लड़कियों के साथ रेप हुआ वह भी कई बार, और उन लड़कियों ने इससे परेशान होकर और समाज की नजरों से बचने के लिए खुद की जान ले ली. खबर के सामने आने के बाद पूरे अजमेर में हंगामा मच गया, लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया..लोगों का कहना है कि इस घटना के सामने आने के बाद 28 परिवारों ने रातों रात अजमेर छोड़ दिया था.
फिल्म के पोस्टर पर लिखी लाइन पर मचा बवाल:
'Ajmer 92' फिल्म को लेकर विवाद उस वक्त से शुरू हो गया था जब इस फिल्म का पोस्टर रिलीज किया गया, उस पोस्टर में लिखा था 'बात 1992 की है' 'अजमेर दरगाह के खादिम फारूख चिश्ती को 100 लड़कियों से रेप का दोषी पाया गया था', '250 कॉलेज गर्ल्स हुई शिकार' 'बटने लगी न्यूड फोटोज', 'आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है ये और इसके पीछे शहर के बड़े लोगों का हाथ है'. इन लाइनों की वजह से फिल्म में धार्मिक भावनों को आहत करने का भी आरोप लगा, ये फिल्म पिछले शुक्रवार को रिलीज होने वाली थी लेकिन इसपर फिलहाल रोक लगा दी गई है. लेकिन आज इसका ट्रेलर रिलीज होने से विवाद फिर से शुरू हो गया है.
बेल मिलने के बाद फरार हो गए थे आरोपी:
मीडिया सूत्रों के मुताबिक साल 2007 में अजमेर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस मामले में मास्टरमाइंड फारुख चिश्ती को दोषी ठहराया, लेकिन इस सजा से बचने के लिए उसने खूद को पागल करार दे दिया, जिसके बाद राजस्थान हाई कोर्ट ने साल 2013 में उसकी सजा में कमी कर दी. और साल 2018 में कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया, वहीं कुछ आरोपी बेल मिलने के बाद से फरार है, जिसे पुलिस आज तक पकड़ नहीं पाई.
किन कलाकारों ने किया है इस फिल्म में अभिनय:
इस फिल्म को निर्देशक पुष्पेन्द्र सिंह ने डॉयरेक्ट किया है. इसमें सुमित सिंह, राजेश शर्मा, करण वर्मा, अनूप गौतम, ईशान मिश्रा, शहनवाज खान, मनोज जोशी, और जरीना वहाब ने अभिनय किया है.