Coal Gasification Policy: कोयले से गैस बनाने की प्रक्रिया को कोल गैसिफिकेशन कहते हैं. सरकार ने 2030 तक 100 मिट्रिक टन कोल गैस उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लिए खास तौर पर  Coal Gasification के लिए 6000 करोड़ के VGF के लिए जल्द टेंडर निकालने कि योजना भी है. भारत के लिए कई मायनों में यह पॉलिसी महत्वपूर्ण है. इस प्रक्रिया में कम कार्बन का उत्सर्जन होता है.साथ ही गैस आपूर्ति में मदद मिलेगी. जी मीडिया से खास बातचीत में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस पॉलिसी को धरातल पर उतारने के लिए 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.


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6000 करोड़ के VGF के टेंडर में छोटे और  बड़े कई कंपनियां लेंगी भाग
6000 करोड़ के VGF के टेंडर में छोटे और बड़े कई कंपनियां भाग लेंगी. हालाँकि दुनिया भर में कोल गेसिफ़िकेशन कि कोई सटीक टेक्नोलॉजी नहीं है. लेकिन देश में Thermax कंपनी ने कोल गेसिफ़िकेशन टेक्नोलॉजी पर काम किया है. इस कंपनी कि टेक्नोलॉजी हमारे लिए एक उम्मीद कि किरण है. 


GAIL, BHEL,IOCL से करार
कोल गैसिफिकेशन की प्रक्रिया में कोयले की कमी ना हो इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ कोल ने कोल इंडिया लिमिटेड और  SCCL को विशेष निर्देश दिया है. गैसिफिकेशन कोल के लिए अलग से बोली शुरू करने की व्यवस्था की जाएगी. कोल इंडिया लिमिटेड ने कोल गैसिफिकेशन प्लांट बनाने के लिए BHEL ( Bharat Heavy Electricals Limited ), IOCL ( Indian Oil Corporation ) , GAIL ( Gas Authority of India Limited ) जैसी कंपनियों के साथ   MOU ( Memorandum of understanding ) करार भी कर चुकी है.


प्राइवेट सेक्टर को मैक्सिमम 15 फीसदी सब्सिडी
कोल गैसिफिकेशन को बढ़ावा देने और प्राइवेट सेक्टर को आकर्षित करने को लेकर प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ कोल गैसिफिकेशन ( Ministry of Coal Gasification )  प्लांट तैयार करने के लिए कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान है. यह मैक्सिमम 15 फीसदी तक हो सकता है. इसका फायदा प्राइवेट और पब्लिक दोनों कंपनियों को मिलेगा.और 50 फीसदी फाइनेंशियल पेमेंट अपफ्रंट कर दिया जाएगा. जबकि बकाया का भुगतान प्लांट तैयार होने के बाद किया जाएगा.


हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश की फिलहाल योजना नहीं
Hindustan Copper के विनिवेश को लेकर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ( Pralhad Joshi Coal Minister )  ने  कहा कि फिलहाल कोई योजना नहीं है. ग्रीन एनर्जी को लेकर उन्होंने कहा कि कोल सेक्टर ने माइनिंग से होने वाली परेशानियों को गंभीरत से लिया है. सप्लाई और एनवायरनमेंट पर असर में बैलेंस बनाने की कोशिश की जा रही है. हमारा लक्ष्य 50 फीसदी एनर्जी का उत्पादन नॉन-फॉसिल्स फ्यूल से करने का है. धीरे-घीरे पर कैपिटा पावर कंजप्शन को बढ़ाने पर भी जोर है. 2070 तक अगर जीरो इमिशन का लक्ष्य पाना है तो कोल गैसिफिकेशन पॉलिसी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है.


गोल्ड माइनिंग एक्सप्लोरेशन पर भी चल रहा काम
गोल्ड माइनिंग को लेकर उन्होंने कहा कि इस दिशा में भी काम चल रहा है. पिछले पांच सालों में 13 गोल्ड ब्लॉक ( Gold Block )  की निलामी हो चुकी है. गोल्ड एक्सप्लोरेशन में ज्यादा समय और पैसा लगता है. रेयर मिनरल्स एक्सप्लोरेशन को लेकर उन्होंने कहा कि GSI यानी जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया  ( Geological Survey Of India ) इस दिशा में काम कर रहा है. बीते पांच सालों में देश के अलग-अलग कोने में GSI ने 172 प्रोजेक्ट्स में एक्सप्लोरेशन का काम किया है.


जम्मू और राजस्थान ( Jammu and Rajasthan ) में लिथियम पर एक्सप्लोरेशन पर काम चल रहा है. अभी जम्मू में G3 एक्सप्लोरेशन स्टेज का एक्सप्लोरेशन चल रहा है. इसे G 2 लेवल पर लेकर आना है. 


लिथियम एक्सप्लोरेशन का ऑक्शन कैसे होगा यह J&K को फ़ैसला होगा. प्राइवेट निवेश से कोई परहेज़ नहीं होना चाहिए लेकिन अभी प्रीमेच्योर है.