Islamic Knowledge: इस्लाम में सबके साथ अच्छा सुलूक करने के बारे में बताया गया है. इस्लाम कहता है कि सही मायनों में अच्छा सुलूक वह नहीं है कि आपके साथ कोई अच्छा सुलूक करे, तो आप उसके साथ अच्छा सुलूक करें. अच्छा सुलूक वह है कि आपके साथ लोग बुरा बर्ताव करें फिर भी आप सबके साथ अच्छा सुलूक करें.


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अच्छा सुलूक करने की हिदायत
इस्लाम लोगों के साथ इसलिए अच्छा व्यवहार करने का हुक्म देता है क्योंकि यह इंसान की फितरत है कि जो उसके साथ अच्छा सुलूक करता है, वह उससे प्यार करता है, इसलिए मुम्किन है कि उसके साथ अच्छा सुलूक करने से मुसलमानों के लिए दिलों में प्यार पैदा हो जाए. चूंकि, अच्छा सुलूक इस्लाम धर्म का आदर्श है, इसलिए यह जरूरी है कि इसके सिद्धांत सभी लोगों के सामने रखे जाएं, यहां तक कि दुश्मनों के सामने भी. इससे आपस में भाईचारा पैदा होगा. इस्लाम में इस बात की भी मनाही है कि आप किसी दूसरे की नकल न करें. इसकी वजह यह है कि लोग नकल उतारने से बुरा मान जाते हैं. 


अच्छा सुलूक लोगों को जवाब है
इस्लाम में एक जगह जिक्र है कि एक शख्स ने प्रोफेट मोहम्मद स0. से कहा कि मैं अपने रिश्तेदारों का हक अदा करता हूं, मगर वह नहीं करते हैं. मैं उनके साथ अच्छे ढंग से पेश आता हूं, लेकिन वह मेरे साथ बदसलूकी करते हैं. मैं उनके साथ नर्मी का सुलूक करता हूं, लेकिन वह मेरे जिहालत करते हैं. आप स0 ने फरमाया कि अगर तुम वैसा ही करते हो जैसा तुम कह रहे हो तो मानो तुम उनके चेहरे पर कालिख पोत रहे हो. अल्लाह उनके मुकाबले में तुम्हारा हमेशा मददगार रहेगा. जब तक तुम अपने इस रवैये पर कायम रहोगे. 


सही मानों में अच्छा सुलूक
लोगों के साथ अच्छा सुलूक करने के बारे में हदीस में है कि हजरत अब्दुल्लाह इब्ने उमर (रजि0) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल स0 ने फरमाया: "वह आदमी सही मानों में अच्छा सुलूक करने वाला नहीं है जो किसी के जवाब में अच्छा सुलूक करता है. सही मानों में अच्छा सुलूक करने वाला आदमी वह है, जिसके रिश्तेदार तो उसके हक नहीं देते, मगर यह सबके हक अदा करता है और सबसे ताल्लुक जोड़े रखता है."