नई दिल्ली: माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और इस बीच सरकार ने घरेलू साइट 'कू' को बढ़ावा देने की तरफ कदम बढ़ाया है. आईटी और इलेक्ट्ऱॉनिक्स मिनिस्ट्री मिनिस्ट्री समेत कुछ अन्य विभागों ने कू पर अकाउंट बनाए हैं. कू ने एक बयान में कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के कुछ प्रमुख संगठनों ने भारत के अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कू पर अपने खाते खोले हैं."


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घरेलू साइट कू पर ही इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लिखा कि सरकार ने ट्विटर इंडिया से कहा है कि उन्हें यहां के क़ानूनों के तहत काम करना होगा. अगर वे इसे चुनौती देना चाहते हैं तो किसी भी अदालत में जा सकते हैं. हालांकि अभी तक ट्विटर ने किसी भी अदालत का दरवाज़ा नहीं खटखटाया है.


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सरकार ने यह कदम ट्विटर के खिलाफ इसलिए उठाया है क्योंकि सरकार ने ट्विटर ने 257 ट्वीट और ट्विटर अकाउंट को बंद करने के सरकार के निर्देश पर अमल नहीं किया.



कू ऐप की शोहरत का आलम ये है कि केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने भी "कू" पर अपना अकाउंट बना लिया है. पीयूष गोयल के अलावा कई और मंत्रियों और मंत्रालयों ने भी कू ऐप का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. 


क्या है कू
आसान भाषा में कहें तो कू एक भारतीय ट्विटर है. कू में ट्विटर की तरह सभी खूबियां मौजूद हैं. इस माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट को अप्रमेय रादाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने डेवलप किया था. ये अग्रेज़ी भाषा समेत 8 जबानों में मौजूद है. इसे भी ट्विटर की तरह ऐप और साइट्स दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ऐप को 10 महीने पहले शुरू किया गया था और इसने भारत सरकार के जरिए आयोजित आत्मनिर्भर ऐप प्रतिस्पर्धा जीती है.


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