Model code of Conduct: इन दिनों अक्सर आचार संहिता सुर्खियों में है. इसकी वजह है पांच राज्यों में चुनाव. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 10 फरवरी से चुनाव होने हैं. यहां चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही यहां आचार संहिता (Code of Conduct) लागू हो गई है. आइए जानते हैं इसके बारे में.


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क्या होती है आचार संहिता?
आचार संहिता को  (Model Code of Conduct) के नाम से जाना जाता है. इसे चुनाव के पहले लगाया जाता है. अक्सर लोगों को इसके बारे में मालूम नहीं होता है, इसलिए वह इसका उलंघन करते हैं.


कब लगाया जाता है?
कहीं भी चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता इसकी घोषणा कर दी जाती है . यह नतीजे आने तक जारी रहती है. इस दौरान राजनीतिक दलों और नेताओं को खास नियमों का पालन करना होता है. 


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आचार संहिता में क्या होता है?
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) आचार संहिता के नियमों का पालन कराता है. आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन के प्रयोग पर रोक लगा दी जाती है. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किसी भी तरह की सरकारी घोषणाओं, लोकार्पण, शिलान्यास पर रोक लगा दी जाती है. इस दौरान कोई भी राजनीतिक रैली नहीं की जा सकती है. धर्म के नाम पर वोट की मांग नहीं की जा सकती. इस दौरान सरकारी खर्च से किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं किया जा सकता. 


क्या है इसका उद्देश्य?
आचार संहिता का उद्देश्य पार्टियों के बीच मतभेद टालने, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराना होता है. 


कब खत्म होता है?
आचार संहिता चुनाव के परिणाम के साथ ही समाप्त हो जाती है. 


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