Police commissionerate system in UP: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की कियादत में दोबारा में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद सीएम ने अफसरों में राज्य में कानून व्यवस्था पर पूरा ध्यान देने के लिए कहा है ताकि रियासत में क्राइम रेट को और कम किया जा सके. इस सिलसिले में गाजियाबाद समेत पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के तीन जिलों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू करने की तैयारी है. इन तीन जिलों के अलावा प्रदेश के एक और जिले में यह व्‍यवस्‍था लागू की जा सकती है.


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जानकारी के मुताबिक, गाज़ियाबाद के साथ ही मेरठ, प्रयागराज और आगरा में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को लागू किया जा सकता है. जबकि यूपी के लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर और कानपूर में पहले पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो सकती है.


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जराए के मुताबिक, उत्तर प्रदेश का गृह विभाग राज्य में कानून व्यवस्था को और भी दुरुस्त करने पर लगा हुआ है. ऐसा माना जा रहा है कि 2022 चुनाव में बीजेपी ने जिस कानून व्यवस्था को एक बड़ा मुद्दा बनाया था, इस पर योगी सरकार किसी भी हालत में समझौता नहीं करना चाहती है. इसी क्रम में गाज़ियाबाद और मेरठ जैसे शहरों में क्राइम को और कम करने के लिए पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली को लागू करने की तैयारी हो रही है.


क्या होता है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम 
काबिले जिक्र है कि आज़ीदी से पहले जब देश में अंग्रेजों की हुकूमत थी, उस वक्त अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास जैसे कई बड़ शहरों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू कर रखा था. पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है. जब देश को आज़ादी मिली तो ये प्रणाली वक्त और हालात के एतबार से देश के दिगर इलाकों में भी लागू की गई. अब भारत के कई शहरो में ये सिस्टम लागू है.


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पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में पुलिस को किसी डीएम के आदेश का इंतज़ार नहीं करना पड़ता है, क्योंकि डीएम के बहुत सारे हुकूक पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं. इस सिस्टम के तहत पुलिस को किसी भी हालात में कानून व्यवस्था के जुड़े सभी फैसले लेने का अधिकार होता है.


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