नई दिल्ली: प्रोफेट मोहम्मद स0 के खिलाफ बयानबाजी का मामला बढ़ता जा रहा है. दुनिया भर के कई देशों ने भाजपा नेता नूपुर शर्मा के प्रोफेट मोहम्मद पर की गई टिप्पणी की आलोचना की है. वहीं तालिबान की अगुवाई वाली तालिबान की सरकार ने भी 'कट्टरपंथ' पर भारत सरकार को नसीहत दी है. नूपुर शर्मा के बयान की मुखालफत करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने ट्विटर पर लिखा कि "भारतीय सरकार से हम गुजारिश करते हैं कि वह इस तरह के कट्टरपंथ को बढ़ावा देकर पाक धर्म को बदनाम करके मुसलमानों को न उकसाएं." 


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उन्होंने कहा कि "इस्लामिक इमिरात ऑफ अफगानिस्तान भारत में सत्तारूढ़ पार्टी की एक अधिकारी की तरफ से प्रोफेट मोहम्मद के बारे में कहे गए अपमानजनक शब्दों की कड़ी निंदा करता है."



अब तक 14 देश जिनमें ईरान, ईराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इन्डोनेशिया प्रोफेट मोहम्मद के खिलाफ दिए गए बयान की निंदा की है.


पैगम्बर के खिलाफ बयान का मामला तब सुर्खियों में आया जब भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा का एक टीवी शो में दिया गया बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इसके बाद खाड़ी देशों ने इसकी निंदा की. कतर, ईरान और कुवैत के विदेश मंत्रालयों ने भारत के दूतों को तलब किया और प्रोफेट मोहम्मद के खिलाफ दिए गए बयान पर अपना विरोध दर्ज कराया. 


जब ये मामला खाड़ी देशों की सोशल मीडिया पर उठा तब कई देशों ने भारतीय सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया. खबरों के मुताबिक कुवैत में अलमारियों से भारत का सामान फेंक दिया गया. 


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इसके बाद भारत में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने इस मामले का संज्ञान लिया और नूपुर शर्मा को भाजपा से बेदखल किया और साफ किया कि नूपुर शर्मा की तरफ से दिया गया बयान का सरकार से कोई ताल्लुक नहीं है. 


नूपुर शर्मा की तरफ से दिए गए बयान के बाद कानपुर में दो ग्रुपों में झड़प हो गई. प्रोफेट मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के विरोध में कानपुर में कुछ लोगों ने बाजार बंद करने का आहवान किया. इसके बाद यहां दो ग्रुपों में झड़प हो गई जिसमें 20 पुलिस वालों समेत कम से कम 40 लोग जख्मी हो गए. 


प्रोफेट मोहम्मद पर की गई टिप्पणी की देश की कई विपक्षी पार्टियों जैसे कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने निंदा की है. 


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