Bihar: बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला गरमाता चला जा रहा है. राज्य में शराब बंदी के बावजूद इस तरह इनती बड़ी तादाद में लोगों की हुई मौत सरकार के काम-काज पर सवाल खड़े करता है और उससे भी बड़ी बात यह कि मंत्री और मुख्यमंत्रियों अजीब-अजीब बयान दे रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उनकी सरकार के मंत्रियों के बयान भी चर्चा का विषय बने हुए हैं. इस खबर में हम आपको बताएंगे देश भर में किस वर्ष में जहरीली शराब पीने से कितने लोगों की मौत हो रही है. 


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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,"जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं, इससे अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं. लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही. जो शराब पियेगा वो मरेगा. इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा."


इसके अलावा मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने भी इस मामले पर अजीबो गरीब बयान दिया. उन्होंने कहा- जब शराब बंदी है तो शराब का इस्तेमाल गलत है, गैर कानूनी है, पोस्टमार्टम आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. कानून तो बन गया 2016 में दोनों सदनों ने पास किया लेकिन कानून तो अंग्रेजों ने भी बनाया 100 साल पहले. CRFC एक्ट ईजाद हुई तब भी चोरी की घटना या मर्डर की घटना होती ही हैं. तो कानून तो वही लोग मानते हैं जो कानून का पालन करते हैं, लेकिन कानून तोड़ने वाले भी लोग होते हैं समाज में हैं. 


अब हम आपको बताते हैं कि आखिर बिहार में किस साल में कितने लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में जहरीली शराब से पूरे भारत में 1054 लोगों की मौत हुई थी, 2017 में 1510, 2018 में 1365, 2019 में 1296 और 2020 में 947 लोगों की मौत हुई थी. पूरे भारत में मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में जहरीली शराब से मरने वालों की तादाद ज्यादा है. 



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