WHO on Gaza Condition: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के चीफ ने फिलिस्तीनी इलाके में तेजी से फैलती भूख और हताशा का हवाला देते हुए बुधवार को चेतावनी दी, गाजा की आबादी "गंभीर संकट" में है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसने मंगलवार को दो अस्पतालों को आपूर्ति पहुंचाई, गाजा पट्टी के 36 अस्पतालों में से केवल 15 ही सही से काम कर रहे हैंvs


WHO ने की लोगों से अपील


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबियस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से "गाजा की आबादी के सामने आने वाले गंभीर संकट को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने और भयानक चोटों, तीव्र भूख और बीमारी के गंभीर जोखिम वाले लोगों की मदद करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है. अपने एक बयान में WHO ने कहा,"भूखे लोगों ने खाने की उम्मीद में आज फिर हमारा काफिला रोका".


संस्था ने आगे कहा कि अस्पतालों में दवाएं, इलाज की आपूर्ति और ईंधन की आपूर्ति करने की डब्ल्यूएचओ की क्षमता कम होती जा रही है. जिसकी वजह से लोग हताश हैं. इजराइल और हमास का विवाद 7 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब संगठन ने साउथ इजराइल में हमले किए. इन हलमों में 1,140 लोगों की जान गई और 250 लोगों को बंदी बना लिया गया. हमास ने कहा कि उन्होंने यह हमला इसलिए किया, क्योंकि इजराइल उन पर हमला करने वाला था. इजराइल के हमलों में 21 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है.


WHO ने किया दौरा


डब्ल्यूएचओ की टीमों ने आपूर्ति देने और जमीनी स्तर पर जरूरतों का आकलन करने के लिए मंगलवार को दो अस्पतालों - उत्तर में अल-शिफा और दक्षिण में अल-अमल फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी का दौरा किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित तौर पर 50,000 लोगों अल-शिफ़ा, जबकि 14,000 लोग अल-अमल में शरण लिए हुए हैं.


दसयों हजार लोग चल रहे हैं पैदल


WHO ने बताया नौ में से केवल पांच एम्बुलेंस अभी भी चालू हैं, एक कर्मचारियों ने कहा कि "मरीजों और शरण चाहने वालों के बीच से गुजरे बिना अस्पताल में घूमना नामुमकिन था. गाजा से गुजरने के दौरान, डब्ल्यूएचओ के कर्मचारियों ने "दसियों हज़ार लोगों" को पैदल, गधों पर या कारों में चलते हुए देखा.


फिलिस्तीनी इलाके में संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के प्रतिनिधि रिक पीपरकोर्न ने कहा, "डब्ल्यूएचओ बेहद फिक्रमंद है कि लोगों के इस ताजा विस्थापन से दक्षिण में स्वास्थ्य सुविधाओं पर और दबाव पड़ेगा, जो पहले से ही संघर्ष कर रही हैं."